ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के अलावा सामाजिक पूंजी, शासन और प्रकृति में निवेश भारत के दीर्घकालिक विकास की कुंजी है।

डॉ. दुर्गेश सिंह

विकास का तात्पर्य अनाभिव्यक्त शक्तियों का व्यक्त होना है। बात जब एक देश के विकास की हो तो उसके पास उपलब्ध संसाधनों, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, उसके पर्यावरण, शासन और सामाजिक मानवीय संपत्ति की उपलब्धता तथा उसकी गुणवत्ता के देश के विकास में योगदान कर सकने की सामर्थ्य और संभावनाओं का पूर्ण प्रकटीकरण अनिवार्य होता है; तथा यह इन क्षेत्रों में तार्किक, उपयोगी और विश्वसनीय निवेश के माध्यम से ही संभव हो सकता है।

देश के विकास को दीर्घकालिक लाभ में बदलने, उसे टिकाऊ स्वरूप देने के लिए सरकार ने ऊर्जा और बुनियादी ....

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