न्यायपालिका
- दिसंबर 2018 के आंकड़ों के अनुसार भारतीय न्यायालयों में 3.5 करोड़ मामले लंबित हैं।
- लंबित मामलों में विभिन्न स्तर के न्यायालयों की भागीदारी क्रमशः इस प्रकार है- जिला एवं सत्र न्यायालय (87.54%), उच्च न्यायालय (12.3%) तथा उच्चतम न्यायालय (0.16%)।
- सत्र न्यायालय में 64 प्रतिशत मुकदमे ऐसे हैं जो एक वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं।
- सत्र न्यायालयों में सभी लंबित मामलों की आैसत सुनवाई अवधि के विश्लेषण से ज्ञात होता है कि नागरिक एवं आपराधिक दोनों मामलों में ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश तथा गुजरात में सुनवाई अवधि राष्ट्रीय औसत की तुलना में अधिक है।
- इसी प्रकार पंजाब एवं दिल्ली ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 समसामयिक प्रश्न
- 2 यूपीएसएसएससी पीईटी परीक्षा 2022
- 3 संज्ञानात्मक विकास संबंधी प्रमुख संकल्पना
- 4 भारत सरकार की प्रमुख योजनाएं
- 5 प्रमुख समिति आयोग और उनकी सिफारिशें
- 6 समसामयिक प्रश्न
- 7 बिहार बी.एड. कॉमन एन्ट्रेन्स टेस्ट
- 8 भारत के 75 रामसर स्थलों की सूची
- 9 स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में 75 रामसर स्थल
- 10 समसामयिक प्रश्न
विशेष
- 1 महत्वपूर्ण तथ्य
- 2 भौतिकी
- 3 रसायन विज्ञान
- 4 जैव प्रौद्योगिकी
- 5 अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी
- 6 सूचना-प्रौद्योगिकी
- 7 सौर तकनीक
- 8 जनसंख्या
- 9 महत्वपूर्ण तथ्य
- 10 जनगणना (Census) के महत्वपूर्ण तथ्य
- 11 15वीं जनसंख्या के अंतिम आंकड़े
- 12 जनसंख्या से संबंधिात महत्वपूर्ण शब्दावली
- 13 भारतीय अर्थव्यवस्था
- 14 ग्रामीण विकास
- 15 मछली उत्पादन
- 16 उद्योग एवं आधारभूत संरचना
- 17 शहरीकरण का स्तर
- 18 लॉजिस्टिक क्षेत्र
- 19 राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट व सूचकांक
- 20 केस स्टडी-1
- 21 केस स्टडी-2