वैश्विक तापन एवं उष्मागत तनाव का 2100 तक प्रभाव
‘इंवायरमेंट रिसर्च लेटर’ में हाल ही में प्रकाशित एक शोध पत्र के अनुसार उष्मा तनाव (Heat stress) के कारण सदी के अंत तक 1-2 अरब लोग वार्षिक रूप से प्रभावित होंगे। इस शोध के अनुसार अगर ग्रीन हाउस गैस वर्तमान स्तर पर बना रहेगा तो वर्तमान प्रभावित जनसंख्या से 4 गुना अधिक व पूर्व-अद्यौगिक स्तर से 12 गुना अधिक लोग प्रभावित होंगे।
- सदी के अंत तक 3ºC तापमान बढ़ने का अंदेशा है, अगर वर्तमान उत्सर्जन संबंधी नीतियां जारी रहती हैं और उत्सर्जन का वर्तमान स्तर बना रहता है। तापमान के बढ़ने के कारण उष्मागत तनाव बढ़ेगा। उष्मागत तनाव बढ़ने के कारण ....
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