उच्च उपलब्धि सदैव उच्च अपेक्षा के ढांचे के अंतर्गत प्राप्त होती है
विवेक उपाध्याय
फरवरी 2020 में जब विश्व अभूतपूर्व स्वास्थ्य आपातकाल की तरफ बढ़ रहा था। एकदम अपरिचित से कोरोना वायरस का प्रकोप दुनिया पर छाने लगा। भारत जैसे देशों में इसके संक्रमण को अधिक से अधिक जांचों के माध्यम से ही रोका जा सकता था। विडंबना यह थी कि भारत जर्मनी से आयातित सीमित तथा महंगी जांच किट के भरोसे था। ऐसे में भारत के वैज्ञानिकों तथा चिकित्सकों पर अपेक्षाओं का भारी बोझ था। इसी समय एक वैज्ञानिक- पुणे स्थित स्काईलैब की शोध एवं विकास प्रमुख मीनल दखावे भोसले अपने आठ माह के गर्भ की जटिलताओं के ....
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