नए दौर में सुरक्षा बलों के प्रति परिवर्तित दृष्टिकोण
बालाकोट हमला एक ऐसी घटना बन चुकी है, जिसे लेकर देश का राजनीतिक वर्ग, सेना, मीडिया और नागरिक सभी एकमत थे; साथ ही इस घटना ने सेना के प्रति परिवर्तित दृष्टिकोण को भी दर्शाया है। बालाकोट हमले के अगले दिन भारतीय मीडिया एक विचित्र युद्ध उन्माद में जाती दिखी, जो भारतीय समाज में बढ़ती एक खतरनाक प्रवृत्ति को प्रदर्शित करता है। राजनीतिक कीचड़ उछालना और राष्ट्रवाद तथा देशभक्ति की बयानबाजी के ढोल पीटना, राजनीतिक क्षेत्र में कुछ आसान लाभ हासिल करने के लिए देश के सबसे धर्मनिरपेक्ष संस्थान का राजनीतिकरण लगता है। यह दृष्टिकोण सेना प्रमुख बिपिन रावत ....
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