आस्था बनाम् नारीवाद

सबरीमाला मंदिर प्रवेश मुद्दा तथा सामाजिक परिवर्तन

-अमूल्या गोपालाकृष्णन, द टाइम्स ऑफ इंडिया

  • सबरीमाला मंदिर मुद्दे को लेकर अक्टूबर 2018 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद से ही केरल में सामाजिक तनाव की स्थिति बनी हुई है। नारीवाद बनाम आस्था के मुद्दे को लेकर हो रहे विवाद में प्रतिक्रियावादी और तर्कवादी दोनों पक्ष इस विवाद पर कोई बीच का रास्ता निकालने पर सहमत नहीं हो सके हैं।
  • 2 जनवरी, 2019 को पुलिस की मदद से 40 वर्ष की दो महिलाओं ने केरल के सबरीमाला मंदिर में हजारों प्रदर्शनकारियों से बच कर प्रार्थना की थी। उससे एक दिन ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री