फेक-बस्टर : वर्चुअल जालसाजों की पहचान के लिए नया सॉफ्टवेयर
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रोपड़ और ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने ‘फेक-बस्टर’ नामक नया सॉफ्टवेयर विकसित किया है, जो ऑनलाइन टेक्स्ट, फोटोग्राफ, ऑडियो, वीडियो जैसी सामग्री में छेड़छाड़ का पता लगाने मे सक्षम है|इससे साइबर सुरक्षा को एक नया आयाम मिलेगा|
मुख्य बिन्दु
- फेक-बस्टर, गुप्त रूप से वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में शामिल लोगों का पता लगाने में सक्षम है। इसकी सटीकता 90 प्रतिशत से अधिक पायी गई है। इसे जूम और स्काइप जैसी एप्लीकेशनस पर परखा जा चुका है।
- ‘फेक-बस्टर’ ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरीके से काम करता है। इसे मौजूदा समय में लैपटॉप और डेस्कटॉप में इस्तेमाल किया जा ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 डब्ल्यूएचओ द्वारा मंकीपॉक्स परीक्षण को मंजूरी
- 2 फ्लोरोसेंट नैनोडायमंड्स की क्वांटम क्षमता
- 3 डेफकनेक्ट 4.0 में अदिति 2.0 और डिस्क-12 का शुभारंभ
- 4 31 एमक्यू-9बी ड्रोन के सौदे एवं परमाणु पनडुब्बियों के विकास को मंजूरी
- 5 भारत की चौथी परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी
- 6 'वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम' के सफल उड़ान परीक्षण
- 7 ड्रोसोफिला मेलानोगास्टर के मस्तिष्क का मानचित्रण
- 8 स्टेम सेल प्रत्यारोपण द्वारा मधुमेह का उपचार
- 9 गुरुत्वाकर्षण तरंगों का अध्ययन करने के लिए नई टेलीस्कोप
- 10 अंतरिक्ष क्षेत्र के संवर्धन हेतु कोष
- 1 यूरेनस से आने वाली एक्स-रे की खोज
- 2 सुपरनोवा विस्फोट
- 3 रूस का निजी अंतरिक्ष स्टेशन
- 4 मंगल ग्रह पर हेलीकॉप्टर की पहली उड़ान
- 5 नैनोस्निफर
- 6 एचआईवी पुनर्सक्रियन अवरुद्ध करने वाले नैनो एंजाइम
- 7 शारीरिक तरल पदार्थ के माध्यम से स्वास्थ्य निदान
- 8 माइटोकॉन्ड्रियल विकार एवं उनकी चिकित्सा
- 9 अफ्रीकी स्वाइन फीवर
- 10 म्यूकोर्माइकोसिस महामारी
- 11 कृत्रिम सिनैप्टिक नेटवर्क
- 12 स्वदेशी डिवाइस ‘ऐम्बिटैग’
- 13 बैकाल-गीगाटन वॉल्यूम डिटेक्टर