मराठा आरक्षण असंवैधानिक : सुप्रीम कोर्ट
- सर्वोच्च न्यायालय की एक संविधान पीठ ने 5 मई, 2021 को दिए अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में सरकारी नौकरियों और दाखिले में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण का प्रावधान करने वाले महाराष्ट्र राज्य के कानून को असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द कर दिया।
- दरअसल मराठा समुदाय को आरक्षण का लाभ प्रदान करने वाले इस कानून की वजह से राज्य में आरक्षण की सीमा 50% के दायरे से अधिक हो गई थी।
मुख्य बिंदु
- न्यायालय ने माना कि इस सन्दर्भ में इंद्रा साहनी वाद में निर्धारित की गई 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा के उल्लंघन को ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 सर्वोच्च न्यायालय ने अधिकरणों को मजबूत करने पर बल दिया
- 2 CAG की नियुक्ति के संबंध में केंद्र सरकार को नोटिस
- 3 महाराष्ट्र में दया याचिकाओं हेतु समर्पित एक सेल की स्थापना
- 4 CDS द्वारा व्यापक काउंटर-UAS सिस्टम की आवश्यकता पर जोर
- 5 मणिपुर, अरुणाचल तथा नगालैंड में अफस्पा की अवधि में वृद्धि
- 6 नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता: असहमति के अधिकार का सम्मान
- 7 दिल्ली HC के न्यायाधीश के आचरण की जांच हेतु 3 सदस्यीय समिति
- 8 एमिनेंट डोमेन का सिद्धांत
- 9 सरकार का कर्मचारियों हेतु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर निर्देश
- 10 भारत के राज्य प्रतीक के दुरुपयोग को रोकने का निर्देश