जियो-इंजीनियरिंग के अनुप्रयोग प्रमुख मुद्दे एवं पर्यावरणीय नैतिकता

जियो-इंजीनियरिंग CO2 उत्सर्जन में कमी का विकल्प नहीं है, और इसे कभी भी पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सकता। साथ ही जियो-इंजीनियरिंग सामाजिक, नैतिक,नीतिशास्त्रीय, राजनीतिक, कानूनी और शासन संबंधी मुद्दों की जटिलताओं में उलझी हुई है। इसलिए हमारा ध्यान अपनी अर्थव्यवस्थाओं को कार्बन से मुक्त करने, टिकाऊ व्यवहार प्रथाओं की वकालत करने और जलवायु परिवर्तन हेतु मजबूत लचीलापन बनाने पर होना चाहिए।

जलवायु परिवर्तन या अधिक उपयुक्त रूप से कहें तो जलवायु अराजकता (climate chaos), यकीनन 21वीं सदी की प्रमुख चुनौतियों में से एक है, और इसे अक्सर मानवता के लिए एक संभावित खतरा माना जाता है। हालांकि, ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री