कृषि अर्थव्यवस्था में नवीन प्रौद्योगिकी का समावेशन
सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी वर्ष 2019-20 में 17.8 प्रतिशत से बढ़कर 2020-21 में 19.9 प्रतिशत हो गई। कोविड-19 के दौरान भी भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि ही एकमात्र क्षेत्र रहा, जिसने धनात्मक वृद्धि दर्ज की। अर्थव्यवस्था में इतना महत्व रखने वाला कृषि क्षेत्र अभी भी प्रौद्योगिकी के समावेशन के मामले में काफी पीछे है। कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के समावेशन के माध्यम से संलग्न व्यक्तियों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। कृषकों की आय को दोगुना करने और देश की अर्थव्यवस्था का आकार 5 ट्रिलियन डॉलर करने के लिए भी कृषि अर्थव्यवस्था में नवीन प्रौद्योगिकी ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली: भारत की क्षमताएं
- 2 कृषि का रूपांतरण: उभरती प्रौद्योगिकियों की भूमिका
- 3 अन्य देशों के साथ भारत का अंतरिक्ष सहयोग: लाभ और उपलब्धियां
- 4 गहरे समुद्र में अन्वेषण: भारत की प्रगति और चुनौतियां
- 5 जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में नैनो प्रौद्योगिकी की भूमिका
- 6 साइबर हमले: भारत के डिजिटलीकरण के लिए चुनौतियां
- 7 जेनेरिक दवाएं: संबंधित मुद्दे और चिंताएं
- 8 दुर्लभ बीमारियां : चुनौतियां एवं भारत की कार्यवाही
- 9 रोगाणुरोधी प्रतिरोध : चुनौतियां और रोकथाम के उपाय
- 10 ब्रेन कंप्यूटर इंटरफ़ेस (BCI) और इसके नैदानिक अनुप्रयोग