विधि के शासन के लिए न्यायपालिका की स्वतंत्रता अनिवार्य
भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने 14 नवंबर, 2021 को कहा कि सभी स्तरों पर न्यायपालिका की स्वतंत्रता को संरक्षित करने तथा उसे बढ़ावा देने से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश द्वारा यह बात नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा आयोजित अिखल भारतीय कानूनी जागरूकता और आउटरीच अभियान के समापन समारोह में कही गई।
न्यायपालिका की स्वतंत्रता का क्या अर्थ है?
- न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अर्थ है कि सरकार के अन्य अंग, कार्यपालिका और विधायिका को न्यायपालिका के कामकाज में इस तरह से अवरोध उत्पन्न नहीं करना चाहिए कि वह ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 सर्वोच्च न्यायालय ने अधिकरणों को मजबूत करने पर बल दिया
- 2 CAG की नियुक्ति के संबंध में केंद्र सरकार को नोटिस
- 3 महाराष्ट्र में दया याचिकाओं हेतु समर्पित एक सेल की स्थापना
- 4 CDS द्वारा व्यापक काउंटर-UAS सिस्टम की आवश्यकता पर जोर
- 5 मणिपुर, अरुणाचल तथा नगालैंड में अफस्पा की अवधि में वृद्धि
- 6 नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता: असहमति के अधिकार का सम्मान
- 7 दिल्ली HC के न्यायाधीश के आचरण की जांच हेतु 3 सदस्यीय समिति
- 8 एमिनेंट डोमेन का सिद्धांत
- 9 सरकार का कर्मचारियों हेतु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर निर्देश
- 10 भारत के राज्य प्रतीक के दुरुपयोग को रोकने का निर्देश

- 1 विशेष श्रेणी का दर्जा तथा वर्तमान में इसकी व्यावहारिकता
- 2 नेशनल इंटरलिंकिंग ऑफ़ रिवर अथॉरिटी
- 3 1996 का पेसा कानूनः महत्व एवं मुद्दे
- 4 जम्मू एवं कश्मीर रोशनी अधिनियम विवाद तथा निरस्तीकरण
- 5 नौकरशाही में लेटरल एंट्री: पक्ष-विपक्ष
- 6 भारत का 72वां संविधान दिवस
- 7 कानूनों को निरस्त करने की प्रक्रिया
- 8 सीबीआई और ईडी के निदेशकों के कार्यकाल का विस्तार
- 9 ईडब्ल्यूएस आरक्षण के मानदंडों की समीक्षा हेतु समिति गठित