जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन
- 21 नवंबर, 2018 को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया। उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर में भाजपा द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के बाद पीडीपी-भाजपा गठबंधन टूट गया था जिसके बाद 19 जून, 2018 को राज्य में छह महीने के लिए राज्यपाल शासन लगा दिया गया था। राज्य विधानसभा को भी निलंबित रखा गया था ताकि राजनीतिक पार्टियां नई सरकार गठन के लिए संभावनाएं तलाश सकें।
जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन
- जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन को लागू करना अन्य राज्यों की तुलना में थोड़ा अलग है। अन्य राज्यों में राष्ट्रपति शासन को भारत के संविधान ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 राष्ट्रीय जांच एजेंसी की शक्तियों में विस्तार
- 2 सीमाओं की सुरक्षा के लिए एक 'व्यापक एंटी-ड्रोन यूनिट'
- 3 प्रधानमंत्री द्वारा समान नागरिक संहिता की वकालत
- 4 एक राष्ट्र एक चुनाव से संबंधित विधेयकों की समीक्षा हेतु जेपीसी
- 5 शिकायतों के निराकरण में CPGRAMS की सफलता
- 6 पवित्र उपवनों की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
- 7 सार्वजनिक संस्थाओं में अस्थायी रोजगार अनुबंधों का दुरुपयोग चिंताजनक
- 8 POSH अधिनियम के प्रभावी अनुपालन के लिए निर्देश: सुप्रीम कोर्ट
- 9 भारत में 'एडाप्टिव डिफेंस' की आवश्यकता
- 10 दिव्यांगजनों के लिए सुगम्यता एक मौलिक अधिकार: सुप्रीम कोर्ट