तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति
8 दिसंबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालयों में तदर्थ न्यायाधीशों (Ad-hoc Judges) की नियुक्ति के लिए केंद्र द्वारा सुझाई गई प्रक्रिया को ‘बेहद बोझिल’ बताते हुए कहा कि इसके लिए सरल प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए, ताकि न्यायाधीशों की नियुक्ति का वास्तविक उद्देश्य विफल न हो।
- न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि अगर अनुच्छेद 224ए (Article 224A) के तहत केंद्र द्वारा सुझाई गई ‘‘कठिन’’ प्रक्रिया अपनाई जाती है, तो कोई भी ऐसे हालात में काम नहीं करना चाहेगा।
- शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से उसके द्वारा सुझाए गए प्रक्रिया ज्ञापन (MoP) पर फिर से विचार करने ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 गैर-गतिज युद्ध से निपटने के लिए भारत की तैयारियों की जांच
- 2 भारतीय कानून के तहत मरणोपरांत प्रजनन पर कोई प्रतिबंध नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
- 3 बेंचमार्क विकलांगता वाले व्यक्ति शिक्षा प्राप्त करने से वंचित नहीं: सुप्रीम कोर्ट
- 4 दुर्लभ रोगों के लिए राष्ट्रीय कोष (NFRD) स्थापित करने का निर्देश
- 5 ग्रामीण क्षेत्रों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के साथ भेदभाव
- 6 कैदियों की निःशुल्क एवं समयबद्ध कानूनी सहायता : सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
- 7 कैदियों को जाति के आधार पर काम देना भेदभावपूर्ण: सुप्रीम कोर्ट
- 8 नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की वैधता बरकरार
- 9 ग्राम न्यायालयों की स्थापना की व्यवहार्यता पर चिंता: सुप्रीम कोर्ट
- 10 कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति के लिए 8 राज्यों को अवमानना नोटिस
- 1 मैरीटाइम एंटी पायरेसी बिल, 2022
- 2 नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (संशोधन) विधेयक, 2022
- 3 जन विश्वास विधेयक, 2022
- 4 घरेलू प्रवासी मतदाताओं हेतु रिमोट वोटिंग प्रणाली
- 5 असम में परिसीमन अभ्यास की शुरुआत
- 6 राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलः मान्यता एवं शर्तें
- 7 न्यायपालिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व
- 8 एनजेएसी बनाम कॉलेजियम विवाद
- 9 जजों का किसी मामले की सुनवाई से खुद को अलग करना