सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम चुनौतियां एवं भावी दिशा

एमएसएमई क्षेत्र द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्र के लिए सम्पूर्ण पारिस्थितिक तंत्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह क्षेत्र अर्थव्यवस्था में उद्यमिता को बढ़ावा देने के साथ ही रोजगार के अवसर भी पैदा करता है। आरबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार एमएसएमई क्षेत्र, आर्थिक विकास, नवाचार और रोजगार के सबसे मजबूत संचालकों में से एक है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के औद्योगीकरण में भी मदद करते हैं। इस प्रकार यह क्षेत्रीय असंतुलन को कम करते हुए, राष्ट्रीय आय और संपत्ति के समान वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

भारतीय औद्योगिक मूल्य शृंखला परिषद (IIVCC) के ....

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