बायो डीकंपोजर : पराली दहन का समाधान
दिल्ली सरकार द्वारा फसल कटाई के बाद बची पराली को अपघटित करने के लिए खेतों में ‘जैव-अपघटक घोल’/ ‘बायो-डीकंपोजर घोल’(Bio-Decomposer Solution) का छिड़काव शुरू कर दिया गया है। सरकार ने पिछले साल भी इसका छिड़काव किया था और सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए थे।
मुख्य बिंदु
- इस तकनीक में प्रयुक्त जैव-अपघटक घोल को पूसा डीकंपोजर (Pusa Decomposer) भी कहा जा रहा है।
- पूसा डीकंपोजर सात कवकों का एक मिश्रण होता है जिनके द्वारा पराली (Paddy Strwa) में पाए जाने वाले सेल्युलोज, लिग्निन और पेक्टिन को गलाने वाले एंजाइम का उत्पादन किया जाता है।
- इन कवकों का विकास 30-32 डिग्री सेल्सियस तापमान में काफी ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 आपदा जोखिम चेतावनी प्रणाली : कवचम
- 2 मीठे पानी के एक चौथाई जानवर विलुप्त होने के खतरे में
- 3 इंडो-बर्मी पैंगोलिन
- 4 भारत स्वच्छ प्रौद्योगिकी विनिर्माण प्लेटफॉर्म
- 5 मियावाकी तकनीक द्वारा प्रयागराज में घने जंगलों का विकास
- 6 भारत का प्रथम जैविक मत्स्य पालन क्लस्टर
- 7 डिजिटल वृक्ष आधार पहल
- 8 भारत की अक्षय ऊर्जा क्रांति
- 9 अपर-करनाली जलविद्युत परियोजना
- 10 इंदौर और उदयपुर आर्द्रभूमि शहर प्रमाणन की सूची में शामिल
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
- 1 प्रकृति और लोगों हेतु उच्च आकांक्षा गठबंधन
- 2 वन संरक्षण अधिनियम में प्रस्तावित परिवर्तन
- 3 भारतीय चिडि़याघरों के लिए विजन प्लान 2021-2031
- 4 बाघ संरक्षण के बारे में जागरूकता हेतु बाघ रैलियों की शुरुआत
- 5 हाथी को करंट लगने से बचाने के लिए ओडिशा की पहल
- 6 मुंबई में ईल की नई प्रजाति
- 7 हाइड्रोजन के किफ़ायती उत्पादन हेतु रिएक्टर
- 8 हिंदु-कुश हिमालय क्षेत्र में झीलों का बढ़ना