सामान्य अध्ययन 100 महत्वपूर्ण विषय - जलवायु परिवर्तन व पर्यावरण (जीएस पेपर-3)
जैव विविधाता का ह्रास तथा उत्पन्न चुनौतियां
- संयुक्त राष्ट्र के ‘इंटरगवर्नमेंटल साइंस पॉलिसी प्लेटफॉर्म ऑन बायोडायवर्सिटी एंड इकोसिस्टम सर्विसेज’ (IPBES) द्वारा जारी ‘जैव विविधता एवं पारिस्थितिक तंत्र सेवाओं पर वैश्विक मूल्यांकन रिपोर्ट’ (Global Assessment Report on Biodiversity and Ecosystem Services) के अनुसार, पृथ्वी पर मौजूद पौधों एवं जंतुओं की 8 मिलियन प्रजातियों में से 1 मिलियन प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थलीय वातावरण का 75% मानवीय गतिविधियों द्वारा गंभीर रूप से परिवर्तित हुआ है। वैश्विक स्तर पर प्रति वर्ष 60 अरब टन नवीकरणीय एवं गैर-नवीकरणीय संसाधनों का निष्कर्षण किया जाता है।
- सन 1700 में ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 आर्द्रभूमि संरक्षण
- 2 कृषि वानिकी
- 3 जलवायु वित्तयन: चुनौती एवं पहल
- 4 भारत में अपशिष्ट प्रबंधन
- 5 मानव-वन्य जीव संघर्ष
- 6 भारत में हाइड्रोजन ऊर्जा का भविष्य
- 7 नवीकरणीय ऊर्जाः भारत की महत्वाकांक्षाएं एवं बढ़ते कदम
- 8 स्वच्छ शहरी गतिशीलता
- 9 मिशन लाइफ़: पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली की पहल
- 10 समुद्री जैव विविधता का संरक्षण