शून्य उत्सर्जन की ओर प्रतिस्पर्धी कदम एवं भारत
चंद्रकान्त सिंह
जलवायु परिवर्तन के सर्वाधिक नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए वैश्विक स्तर पर होने वाले हरित गैस (GHG) उत्सर्जन को 2030 तक आधा करना होगा। इसी के साथ ही हमें, मध्य-शताब्दी के आस-पास शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करना होगा। इस अत्यावश्यकता को स्वीकार करते हुए बड़ी संख्या में राष्ट्रीय सरकारों, स्थानीय सरकारों तथा व्यापारिक नेताओं ने अपने अधिकार क्षेत्र एवं व्यवसायों की सीमाओं में शुद्ध-शून्य उत्सर्जन तक पहुंच के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है।
17 जून, 2021 को देश में विभिन्न ‘ऊर्जा दक्षता कार्यक्रमों’ की प्रगति तथा ‘जलवायु परिवर्तन कार्रवाईयों’ की तैयारी की समीक्षा बैठक में विद्युत ....
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