नवीकरणीय ऊर्जा: भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं का विकल्प
विवेक उपाध्याय
‘‘सम्पोषणीय ऊर्जा विकास के बिना सम्पोषणीय विकास नहीं किया जा सकता’’ स्वीडेन के पूर्व उपप्रधानमंत्री का यह वक्तव्य आज मुहावरे का रूप ले चुका है। इस वैश्विक स्वीकार्यता के समानान्तर, सुरक्षित, विश्वसनीय तथा समतापूर्ण आवश्यकताएं, स्वच्छ ऊर्जा विकास के समक्ष चुनौती भी प्रस्तुत कर रही हैं। पेरिस प्रतिबद्धताओं को पूर्ण करने के लिए कार्बन मुक्त स्वच्छ ऊर्जा का विकास आवश्यक है। इसका एक बड़ा हिस्सा प्रकृति पुनर्भरणीय नव्यकरणीय स्रोतों से आता है। इनमें सौर, पवन, जैव, लघु पनबिजली, भू-तापीय, ज्वारीय एवं तरंग ऊर्जाएं इत्यादि शामिल हैं।
जीवाश्म ईंधनों ने औद्योगिक क्रांति ....
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