उच्चतम न्यायालय के निर्णय क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध
उच्चतम न्यायालय के निर्णय को अब चार भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा। इन चार बहसों में हिंदी, गुजराती, उड़िया और तमिल भाषा शामिल हैं। वर्तमान फैसले अंग्रेजी में होते हैं इसलिए 99.9 प्रतिशत नागरिक समझ नहीं पाते
संवैधानिक प्रावधान
- अनुच्छेद 348 (1)( A), जब तक संसद कानून द्वारा अन्यथा प्रदान नहीं करती है, सर्वोच्च न्यायालय और प्रत्येक उच्च न्यायालय के समक्ष सभी कार्यवाही अंग्रेजी में आयोजित की जाएगी।
- अनुच्छेद 348(2) के अनुसार अनुच्छेद 348(1) के प्रावधानों के बावजूद किसी राज्य का राज्यपाल, राष्ट्रपति की पूर्व सहमति से उच्च न्यायालय कीकार्यवाही में हिंदी या किसी भी आधिकारिक उद्देश्य के लिये इस्तेमाल की जाने वाली किसी अन्य भाषा के उपयोग को अधिकृत कर सकता है।