ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित नीलामणि फूकन का गुवाहटी में निधन
असमी भाषा के जाने-माने कवि और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित नीलामणि फूकन का गुवाहटी में निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे।
नीलामणि फूकन के बारे में: भारत सरकार ने 1990 मेंफूकन को पप्रश्री से सम्मानित एवं वर्ष 2021 का ज्ञानपीठ पुरस्कार भी प्रदान किया गया था।
- उनकी प्रमुख रचनाओं में ‘जुरिया हेनू नामी आहे ई नोडिएडी’, ‘कबिता’ और ‘गुलापी जामूर लागना’ शामिल हैं।
- उन्हें 1981 में कविता संग्रह ‘कबिता’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार भी दिया गया था।
लघु संचिका
- 1 वनलाइनर समसामयिकी
- 2 सोमालिया में अल शबाब के 30 लडके मारे गए
- 3 जीवन रक्षा पदक श्रृंखला के पुरस्कार 2022
- 4 ‘सारंग-2023’ छात्रों द्वारा आयोजित त्यौहार
- 5 अमेरिका की गेब्रियल बनीं मिस यूनिवर्स-2022
- 6 लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा
- 7 अभ्यास तरकश, 2023
- 8 MAREX-2023 अभ्यास
- 9 युद्धाभ्यास ‘ट्रोपेक्स’
- 10 भारत और फ्रांस के बीच नौसैन्य अभ्यास ‘वरुण’
- 11 ‘वीर गार्जियन-2023’ भारत-जापान संयुक्तवायु अभ्यास
- 12 साहित्य में योगदान
- 13 केशरीनाथ त्रिपाठी
- 14 एम.एस. प्रभाकर
- 15 स्वपन धैर्यवान अमेरिका में टॉल रोड अथॉरिटी के निदेशक मंडल में
- 16 "इंडियाज नॉलेज सुप्रीमेसीः द न्यू डॉन" पुस्तक का विमोचन
- 17 कन्हैयालाल सेठिया पुरस्कार-2023
- 18 डिजिटल इंडिया अवार्ड्स
- 19 डिजिटल इंडिया अवॉर्ड 2022
- 20 आर. विष्णु प्रसाद को विशिस्ट वैज्ञानिक पुरस्कार
- 21 सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार-2023
- 22 ‘RRR’ फिल्म को क्रिटिक्स च्वाइस अवार्ड