कला/संस्कृति
भारतीय विरासत संस्थान
19 जुलाई, 2021 को संस्कृति मंत्रालय द्वारा लोक सभा में दी गई जानकारी के अनुसार सरकार ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने के लिए नोएडा, गौतम बुद्ध नगर में ‘भारतीय विरासत संस्थान’ (Indian Institute fo Heritage) स्थापित करने का निर्णय लिया है।
- ‘भारतीय विरासत संस्थान’ को निम्न संस्थानों के शैक्षणिक स्कंध (Academic wing) को एकीकृत करके मानद विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित किया जा रहा है।
- पुरातत्व संस्थान (पं. दीनदयाल उपाध्याय पुरातत्व संस्थान);
- राष्ट्रीय अभिलेखागार, नई दिल्ली के तहत अभिलेखीय अध्ययन विद्यालय;
- राष्ट्रीय सांस्कृतिक संपदा संरक्षण अनुसंधानशाला (NRLC) लखनऊ;
- कला, संरक्षण और संग्रहालय के इतिहास का राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान;
- और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली
- ये सभी ‘भारतीय विरासत संस्थान’ के विभिन्न विद्यालय बन जाएंगे।
आदर्श स्मारक
संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने 20 जुलाई, 2021 को राज्य सभा को ‘आदर्श स्मारक’ के बारे में जानकारी दी।
- वाई-फाई, कैफेटेरिया, विवेचन केंद्र (Interpretation centre), ब्रेल संकेतक, प्रकाश व्यवस्था आदि जैसी अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करने के लिए आंध्र प्रदेश के 3 स्मारकों को ‘आदर्श स्मारक’ (Adarsh Smarka) के रूप में चिह्नित किया गया है।
- आंध्र प्रदेश के तीन स्मारक (i) नागार्जुनकोंडा (जिला- गुंटूर) (ii) सलीहुंडम में बौद्ध अवशेष (जिला- श्रीकाकुलम) और (iii) वीरभद्र मंदिर, लेपाक्षी (जिला- अनंतपुरम) हैं।
- इसके अलावा ‘गंडीकोटा का किला’ सरकार की ‘एक धरोहर गोद लें योजना’ (Adopt&a-Heritage scheme) में शामिल किया गया है।
- आंध्र प्रदेश राज्य में 135 केंद्रीय संरक्षित स्मारक/स्थल हैं।
काशी अन्नपूर्णा मंदिर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी अन्नपूर्णा मंदिर के महंत रामेश्वर पुरी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। महंत रामेश्वर पुरी का 10 जुलाई, 2021 को निधन हो गया। वे 67 वर्ष के थे।
- अन्नपूर्णा देवी मंदिर पवित्र शहर वाराणसी में सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है।
- यह मंदिर पोषण (अन्न) के लिए हिंदू देवी अन्नपूर्णा को समर्पित है और देवी पार्वती का एक रूप है।
- वर्तमान अन्नपूर्णा मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में मराठा पेशवा बाजीराव प्रथम द्वारा किया गया था।
- मंदिर का निर्माण नागर वास्तुकला में किया गया है।
5वां पूर्वोत्तर भारत पारंपरिक फैशन सप्ताह 2021
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, डॉ. वीरेंद्र कुमार ने 24 जुलाई, 2021 को ‘5वें पूर्वोत्तर भारत पारंपरिक फैशन सप्ताह 2021’ (5th North-East India Traditional Fashion Week: NEIFW 2021) का उद्घाटन वर्चुअल माध्यम से किया।
उद्देश्यः पूर्वोत्तर के विभिन्न जनजातियों और विशिष्ट संस्कृति वाले समूहों के दिव्यांगजनों को सशक्त बनाना एवं उनका उत्थान करना तथा वस्त्र एवं शिल्प उद्योग के प्रति समावेशी दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
- इसका आयोजन केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत प्रमुख संगठन ‘राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान, देहरादून’ (NIEPVD) द्वारा किया गया, जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर की दिव्यांग आबादी और हितधारकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ‘पूर्वोत्तर भारत की कलाओं’ और ‘कारीगरों’ को बढ़ावा देना है।
- NEIFW 2021 द्वारा कौशल एवं उद्यमिता निर्माण; कारीगर प्रशिक्षण कार्यशाला; दिव्यांग कारीगरों की प्रदर्शनी; पारंपरिक ड्रेस शो और पारंपरिक सांस्कृतिक महोत्सव पर ध्यान केंद्रित किया गया।