बिटकॉइन (Bitcoin)
बिटकॉइन क्या है? बिटकॉइन, जिसे अक्सर एक क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency), एक आभासी मुद्रा (virtual currency) या एक डिजिटल मुद्रा के रूप में वर्णित किया जाता है, किसी को भी तत्काल भुगतान करने में सक्षम बनाती है।
- यह पहला विकेन्द्रीकृत पीयर-टू-पीयर भुगतान नेटवर्क (peer-to-peer payment network) है, जो बिना किसी केंद्रीय प्राधिकरण या बिचौलियों के अपने उपयोगकर्ताओं द्वारा संचालित है।
बिटकॉइन किसने बनाया? बिटकॉइन मूल और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल सिक्का है, जो 2009 में प्रसारित होना शुरू हुआ।
- बिटकॉइन रहस्यमय ‘सातोशी नाकामोतो’ (Satoshi Nkaamoto) द्वारा बनाया गया था, जिसे सरकारों, बैंकों और केंद्रीय बैंकों जैसे केंद्रीय वित्तीय प्राधिकरण से मुक्त होने के लिए डिजाइन किया गया था।
आभासी मुद्राएं (virtual currencies) क्या हैं? एक आभासी मुद्रा मूल्य (value) का एक डिजिटल निरूपण है, जिसका डिजिटल रूप से कारोबार किया जा सकता है और, जो (a) विनिमय के एक माध्यम, और / या (b) खाते की एक इकाई, और / या (ब) मूल्य के एक संग्रह के रूप में कार्य करता है।
- लेकिन, ऐसी आभासी मुद्राओं को कानूनी मान्यता नहीं है और इसे सरकार का समर्थन नहीं होता है।
- कानूनी रूप से दो प्रमुख प्रकार की आभासी मुद्राएं हैं - केंद्रीकृत और विकेंद्रीकृत।
- एक केंद्रीकृत आभासी मुद्रा में एक केंद्रीय प्रशासक होता है। केंद्रीय प्रशासक आमतौर पर उस करेंसी का जारीकर्ता होता है। उदहारण- XRP
- इसके विपरीत, एक विकेन्द्रीकृत मुद्रा में कोई तृतीय-पक्ष केंद्रीय व्यवस्थापक नहीं होता है। इसके बजाय, एक वितरित प्रणाली विकेंद्रीकृत आभासी मुद्रा के लेनदेन को प्रमाणित करती है। उदहारण-बिटकॉइन, लाइटकॉइन और इथेरियम, जो ब्लॉकचेन नेटवर्क पर आधारित हैं।
क्रिप्टोकरेंसीः एक क्रिप्टोकरेंसी आभासी मुद्राओं का एक उपसमूह है, जो विकेन्द्रीकृत है और कूटलेखन (cryptography) द्वारा संरक्षित है। यह एक कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस पर संग्रहीत एक डिजिटल परिसंपत्ति है। इन क्रिप्टोकरेंसी (डिजिटल सिक्कों) को सुरक्षित रखने के लिए मजबूत क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करके डिजिटल बहीखाते (digital ledgers) में दर्ज किया जाता है। बहीखातों को विश्व स्तर पर वितरित किया जाता है और प्रत्येक लेनदेन को ब्लॉक के रूप में संहिताबद्ध किया जाता है। एक दूसरे को जोड़ने वाले कई ब्लॉक वितरित बहीखाता पर एक ‘ब्लॉकचेन’ बनाते हैं।
बिटकॉइन नेटवर्क को कौन नियंत्रित करता है? बिटकॉइन को दुनिया भर के सभी बिटकॉइन उपयोगकर्ताओं द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
- डेवलपर्स सॉफ्रटवेयर में सुधार कर रहे हैं, वे उपयोगकर्ताओं को बिटकॉइन प्रोटोकॉल में बदलाव के लिए बाध्य नहीं कर सकते क्योंकि सभी उपयोगकर्ता यह चुनने के लिए स्वतंत्र हैं कि वे किस सॉफ्रटवेयर और संस्करण का उपयोग करते हैं।
- एक दूसरे के साथ अनुकूलता के लिए, सभी उपयोगकर्ताओं को समान नियमों का पालन करने वाले सॉफ्रटवेयर उपयोग करने की आवश्यकता होती है। बिटकॉइन सभी उपयोगकर्ताओं के बीच पूर्ण सहमति के साथ ही सही ढंग से काम कर सकता है।
- बिटकॉइन कैसे काम करता है? उपयोगकर्ता के दृष्टिकोण से, बिटकॉइन एक मोबाइल ऐप या कंप्यूटर प्रोग्राम से ज्यादा कुछ नहीं है, जो एक निजी बिटकॉइन वॉलेट प्रदान करता है और उपयोगकर्ताओं को आपस में बिटकॉइन भेजने और प्राप्त करने की अनुमति देता है।
- बिटकॉइन नेटवर्क ‘ब्लॉकचेन’ नामक एक सार्वजनिक बहीखाता साझा करता है, इस बहीखाता में कभी भी संसाधित किया गया प्रत्येक लेन-देन होता है, जिससे उपयोगकर्ता का कंप्यूटर प्रत्येक लेनदेन की वैधता को सत्यापित करने में सक्षम होता है।
ब्लॉकचेनः ब्लॉकचेन एक रिकॉर्ड दर्ज करने वाली तकनीक है, जिसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि इस सिस्टम को हैक करना या उस पर संग्रहीत डेटा में छेड़छाड़ करना असंभव है, जिससे यह सुरक्षित और अपरिवर्तनीय है।
- ब्लॉकचेन एक प्रकार की ‘वितरित लेजर प्रौद्योगिकी’ (Distributed Ledger Technology- DLT) है, जो एक ही समय में कई स्थानों पर लेनदेन और संबंधित डेटा को रिकॉर्ड करने के लिए एक डिजिटल सिस्टम है।
- ब्लॉकचेन नेटवर्क में प्रत्येक कंप्यूटर किसी भी विफलता को रोकने के लिए बहीखाते (लेजर) की एक प्रति रखता है, और सभी प्रतियां एक साथ अद्यतन और प्रमाणित की जाती हैं।
बिटकॉइन कैसे बनते हैं? नए बिटकॉइन ‘माइनिंग’ (mining) नामक एक प्रतिस्पर्धी और विकेन्द्रीकृत प्रक्रिया द्वारा सृजित (generate) किये जाते हैं। इस प्रक्रिया में शामिल व्यक्तियों को उनकी सेवाओं के लिए नेटवर्क द्वारा पुरस्कृत किया जाता है।
- ‘बिटकॉइन माइनिंग’ बिटकॉइन लेनदेन को सत्यापित करने और उन्हें सार्वजनिक ब्लॉकचेन बहीखाते में दर्ज करने की प्रक्रिया है।
- ब्लॉकचेन में, लेनदेन को ऐसे बिटकॉइन उपयोगकर्ताओं (नेटवर्क के प्रतिभागियों) द्वारा सत्यापित किया जाता है, जिनके पास आवश्यक हार्डवेयर और कंप्यूटिंग शक्ति होती है। इन्हें ‘माइनर्स’ (miners) कहा जाता है।
- यह प्रक्रिया बहुत ही परिष्कृत कंप्यूटरों का उपयोग करके की जाती है जो अत्यंत जटिल कम्प्यूटेशनल गणितीय समस्याओं को हल करते हैं। इस प्रक्रिया को एक कठिन गणितीय पहेली के आधार पर हल किया जाता है, जिसे ‘प्रूफ ऑफ वर्क’(profo of work) कहा जाता है। लेन-देन को मान्य करने के लिए और माइनर्स को इनाम अर्जित करने के लिए ‘प्रूफ ऑफ वर्क’ की आवश्यकता होती है।
बिटकॉइन प्राप्त करने के तरीके
- माल या सेवाओं के भुगतान के रूप में।
- बिटकॉइन एक्सचेंज से बिटकॉइन खरीदकर।
- अपने आस-पास के किसी व्यक्ति के साथ बिटकॉइन विनिमय द्वारा।
- प्रतिस्पर्धी माइनिंग के माध्यम से बिटकॉइन अर्जित करके।
बिटकॉइन के लाभ
- भुगतान की स्वतंत्रताः दुनिया में कहीं भी किसी भी समय बिटकॉइन भेजना और प्राप्त करना संभव है।
- अपनी खुद की फीस चुनने का विकल्पः बिटकॉइन प्राप्त करने के लिए कोई शुल्क नहीं है और आपको खर्च करते समय कितना शुल्क देना है इस पर नियंत्रण प्रदान करता है।
- व्यापारियों के लिए कम जोखिम बिटकॉइन लेनदेन सुरक्षित, अपरिवर्तनीय हैं, और इसमें ग्राहकों की संवेदनशील या व्यक्तिगत जानकारी शामिल नहीं होती है।
बिटकॉइन के नुकसान
- कम स्वीकृतिः अधिकतर अभी भी बिटकॉइन से अनजान हैं तथा इसके उपयोगकर्ता अभी कम हैं।
- अस्थिरताः प्रचलन में बिटकॉइन का कुल मूल्य और बिटकॉइन का उपयोग करने वाले व्यवसायों की संख्या अभी भी जितनी होनी चाहिए उनकी तुलना में बहुत कम है। इसलिए, अपेक्षाकृत छोटे व्यापार या व्यावसायिक गतिविधियां कीमत को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती हैं।
भारत में क्रिप्टोकरेंसीः भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार को अभी तक विनियमित नहीं किया गया है, कई कंपनियां बढ़ते उपयोगकर्ता आधार बनाने के लिए इस ओर अपने कदम बढ़ा रहे हैं। कुछ ने भुगतान स्वीकार करना शुरू कर दिया है जबकि कई अन्य ऐसा करने पर विचार कर रहे हैं।
- सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2020 में ‘इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया बनाम आरबीआई’ वाद में फैसला सुनाते हुए आरबीआई के 2018 के परिपत्र को पलट दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की खरीद या बिक्री पर किसी भी तरह के विनियमन के अभाव में, RBI इन मुद्राओं के व्यापार पर अधिक प्रतिबंध नहीं लगा सकता है।
- सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद, इन डिजिटल परिसंपत्तियों में व्यापार की अनुमति के बाद, देश में क्रिप्टो निवेशकों की संख्या में तेजी से वृद्धि देखी गई है। कुछ कंपनियां जिन्होंने आभासी सिक्के स्वीकार करना शुरू कर दिया है, जिनमें द रग रिपब्लिक (The Rug Republic), हाईकार्ट (भ्पहीज्ञंतज), पर्स (Purse) तथा सपना (Sapna) आदि हैं।
बिटकॉइन को अनुमति देने वाले देशः अधिकांश देशों ने बिटकॉइन की वैधता को स्पष्ट रूप से निर्धारित नहीं किया है, इसके बजाय ‘इंतजार करो और देखो की नीति’ अपनाने को प्राथमिकता दी है। कुछ देशों ने कुछ नियामक निरीक्षण करके बिटकॉइन के कानूनी उपयोग के लिए परोक्ष रूप से सहमति दी है।
- अल सल्वाडोर एकमात्र ऐसा देश है, जिसने जून 2021 में बिटकॉइन को कानूनी मान्यता दी है।