राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम

जुलाई, 2018 को वायरल हेपेटाइटिस से लड़ने और इससे होने वाले मृत्यु दर और विकृति को कम करने के उद्देश्य से, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया है।

कार्यक्रम का उद्देश्य हेपेटाइटिस की रोकथाम और उपचार दोनों है, जो लीवर कैंसर, लीवर सिरोसिस और एक्यूट लीवर फैल्योर (Acute Liver Failure) के प्रमुख कारणों में से एक है।

लक्ष्य

  • इसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक हेपेटाइटिस का उन्मूलन करना है तथा तीन साल की अवधि में कम से कम 3 लाख हेपेटाइटिस C के मामलों का इलाज करना है।
  • यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का हिस्सा है। इसके तहत, हेपेटाइटिस B और C संक्रमण के लिए महंगा एंटीवायरल सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्रत में उपलब्ध कराया जाएगा।

हेपेटाइटिसः प्रमुख तथ्य

  • हेपेटाइटिस लीवर में होने वाला वायरल संक्रमण है। यह संक्रमण स्वयं तक सीमित हो सकती है या फाइब्रोसिस (स्कार्फिंग), सिरोसिस या यकृत कैंसरमें परिवर्तित हो सकती है।
  • हेपेटाइटिस वायरस दुनिया में हेपेटाइटिस का सबसे आम कारण है, लेकिन अन्य संक्रमण, जहरीले पदार्थ (जैसे- अल्कोहल, कुछ दवाएं) और स्वप्रतिरक्षा रोग (Auto-Imune Disease) तथा अनुवांशिकता भी हेपेटाइटिस का कारण बन सकते हैं।
  • 5 मुख्य प्रकार के हेपेटाइटिस वायरस हैं, जिन्हें टाइप A, B, C, D और E कहा जाता है।
  • ये 5 प्रकार बीमारी, मृत्यु और महामारी फैलाने की संभावनाओं के कारण सबसे बड़ी चिंता का विषय हैं।
  • विशेष रूप से, B और C प्रकार लाखों लोगों में पुरानी बीमारी का कारण हैं और साथ ही लीवर सिरोसिस और कैंसर का सबसे आम कारण हैं।