भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने औद्योगिक रूप से उत्पन्न ट्रांसफैट के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिये ‘हार्ट अटैक रिवाइंड’ नामक अभियान की शुरूआत की है। उल्लेखनीय है कि FSSAI ने वर्ष 2022 तक भारत में ट्रांस फैट के उत्पादन को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। हार्ट अटैक रिवाइंड नामक अभियान अपनी तरह का पहला मीडिया अभियान है, जो कि 30 सेकंड की एक सार्वजनिक घोषणा है। FSSAI के अनुसार ट्रांस फैट लेने से हृदय संबंधी बीमारियों के कारण प्रत्येक वर्ष विश्वभर में पांच लाख लोगों की मृत्यु होती है।
उद्देश्य इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को ट्रांस फैट तथा हृदय संबंधित रोग के बारे में जागरुक करने के साथ ही भारत की खाद्य आपूर्ति में ट्रांस फैट के स्तर को पांच प्रतिशत से दो प्रतिशत तक लाना है। |
ट्रांस फैट
तरल वनस्पति तेलों को अधिक ठोस रूप में परिवर्तित करने तथा खाद्य के भंडारण एवं उपयोग अवधि में वृद्धि करने के लिये इन तेलों का हाइड्रोजनीकरण किया जाता है। इस प्रकार ट्रांस फैट का निर्माण होता है। ट्रांस फैट बड़े पैमाने पर वनस्पति, नकली या कृत्रिम मक्खन, विभिन्न बेकरी उत्पादों में मौजूद होते हैं तथा ये तले हुए या पके हुए खाद्य पदार्थों में भी पाए जा सकते हैं।