अक्टूबर, 2018 को केंद्र सरकार ने गंगा नदी के लिए न्यूनतम पर्यावरणीय प्रवाह अधिसूचित किए, जो नदी में विभिन्न स्थानों पर सुनिश्चित करने होंगे। पर्यावरणीय प्रवाह स्वीकार्य प्रवाह व्यवस्थाएं हैं, जो वांछित पर्यावरणीय स्थिति अथवा पूर्व निर्धारित स्थिति में किसी नदी में बनाए रखना अपेक्षित है।
सरकार द्वारा जारी अधिसूचना यह सुनिश्चित करेगी कि सिंचाई, जल विद्युत, घरेलू और औद्योगिक उपयोग आदि प्रयोजनों के लिए परियोजनाओं एवं ढांचों द्वारा नदी प्रवाह को पथांतर किए जाने के बावजूद जल का न्यूनतम अपेक्षित पर्यावरणीय प्रवाह नदी में बना रहे। नदी का अबाधित या अविरल प्रवाह बनाए रखने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।