ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना में दिसंबर 2017 में आयोजित हुए विश्व व्यापार संगठन के 11वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के दौरान व्यापार में महिलाओं की भागीदारी पर एक संयुक्त घोषणा-पत्र जारी किया गया, इसे ‘महिलाओं और व्यापार पर ब्यूनस आयर्स घोषणा-पत्र’ नाम दिया गया। भारत ने इस घोषणा-पत्र का विरोध किया है। भारत का कहना है कि यह घोषणा-पत्र एक लैंगिक मुद्दे को WTO से जोड़ता है, जबकि लैंगिक मुद्दे का व्यापार से कोई लेना-देना नहीं है।
घोषणा पत्र के लाभ
घोषणा पत्र में शामिल प्रावधानों के पालन से दुनिया में महिलाओं को बेहतर वेतन वाली नौकरियाँ मिलने की संभावना है। इससे संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में तथा लैंगिक समानता पर आधारित सतत् विकास लक्ष्य की ओर किये जा रहे प्रयासों को भी बल मिलेगा। साथ ही व्यापार गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी से 2025 तक वैश्विक GDP में 28 ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि होने की संभावना है।