केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने सरकारी बीमा कंपनियों और बैंकों में धोखाधड़ी के मामलों का पता लगाने के लिए उनकी ऑडिट रिपोर्ट की जांच करने का फैसला किया है।
केंद्रीय सतर्कता आयोग पड़ताल के बाद सुधारात्मक उपायों से जुड़े सुझाव भी देगा। बैंकों में लगातार बढ़ रहे एनपीए (अवरुद्ध) और बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के मामले सामने आने को देखते हुए यह कदम महत्वपूर्ण है। सतर्कता आयुक्त के अनुसार सीवीसी केंद्रीय सांविधिक रिपोर्टों, मौजूदा लेखा परीक्षकों (ऑडिटर) की रिपोर्टों और अन्य लेखा परीक्षक की रिपोर्ट की समीक्षा कर रहा है।
यह काम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों के मुख्य सतर्कता अधिकारियों के माध्यम से किया जा रहा है। इन लेखा परीक्षा रिपोर्टों की जांच-परख आयोग में भी की जा रही है और सुधारात्मक कार्य योजना के समयबद्ध कार्यान्वयन के लिये सलाह भी दी जा रही है। सरकारी संगठनों में तैनात केंद्रीय सतर्कता अधिकारी वहां भ्रष्टाचार और अन्य धोखाधड़ी वाली गतिविधियों की रोकथाम के लिए वहां सीवीसी के अंग के रूप में काम करते हैं।
वित्त मंत्रालय की जानकारी के अनुसार, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और निजी बैंकों में 2017-18 में धोखाधड़ी के कुल 8,802 मामले सामने आये हैं। 2016-17 में 7,794 और 2015-16 में 7,482 मामले सामने आये थे।