सामयिक - 09 April 2025

सामयिक खबरें योजना एवं कार्यक्रम

"निवेशक दीदी" – द्वितीय चरण


8 अप्रैल 2025 को, निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण (IEPFA) और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने "निवेशक दीदी" पहल के दूसरे चरण की शुरुआत के लिए समझौता ज्ञापन (MoA) पर हस्ताक्षर किए। यह पहल ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में महिलाओं की वित्तीय साक्षरता को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

मुख्य तथ्य और आंकड़े

  • पहले चरण का प्रभाव: पहले चरण में, 55,000 से अधिक लाभार्थियों ने IPPB वित्तीय साक्षरता शिविरों में भाग लिया। इनमें से लगभग 60% महिलाएं थीं, जिनमें अधिकांश युवा और आर्थिक रूप से सक्रिय वर्ग से थीं। 2 में से 3 लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्रों से थे।
  • दूसरे चरण की योजना: दूसरे चरण में, देशभर में 4,000 वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों का नेतृत्व लगभग 40,000 महिला पोस्टल कर्मचारी करेंगी, जिन्हें "निवेशक दीदी" के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। ये सत्र जिम्मेदार निवेश, धोखाधड़ी जागरूकता, बचत आदतें और डिजिटल बैंकिंग उपकरणों पर केंद्रित होंगे।
  • IEPFA का उद्देश्य: IEPFA का लक्ष्य ग्रामीण महिलाओं को वित्तीय निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाना है। यह पहल अंतिम छोर तक वित्तीय ज्ञान पहुंचाने और सामुदायिक परिवर्तन को प्रेरित करने के लिए एक आंदोलन के रूप में कार्य करती है।
  • IPPB की भूमिका: IPPB ने अपने नेटवर्क के माध्यम से 11 करोड़ ग्राहकों तक पहुंच बनाई है। यह बैंकिंग सेवाओं को सरल, किफायती और डिजिटल रूप से सुलभ बनाकर वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देता है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों पर प्रभाव: "निवेशक दीदी" पहल ग्रामीण महिलाओं को वित्तीय साक्षरता प्रदान करके उनके समुदायों में बदलाव लाने की क्षमता प्रदान करती है। यह पहल डिजिटल इंडिया और कम नकद अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण को मजबूत करती है।

सामयिक खबरें पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण

भारत का पहला उच्च-ऊंचाई जलवायु अनुसंधान केंद्र


8 अप्रैल 2025 को, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के नथाटॉप में देश के पहले "हिमालयन हाई अल्टीट्यूड एटमॉस्फेरिक एंड क्लाइमेट रिसर्च सेंटर" का उद्घाटन किया। यह केंद्र उत्तर-पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में जलवायु अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण द्वार के रूप में कार्य करेगा।

मुख्य तथ्य:

  • केंद्र का स्थान और उद्देश्य: यह केंद्र समुद्र तल से 2,250 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसका उद्देश्य स्वच्छ वायु और न्यूनतम प्रदूषण वाले वातावरण में मौसम पैटर्न और एरोसोल अंतःक्रियाओं का अध्ययन करना है।
  • आईसीई-क्रंच परियोजना: डॉ. सिंह ने भारत-स्विस संयुक्त अनुसंधान परियोजना "आईसीई-क्रंच" का भी शुभारंभ किया। यह परियोजना क्षेत्र में बर्फ बनाने वाले कणों और बादल संघनन नाभिकों के गुणों का अध्ययन करेगी।
  • बहु-स्तरीय सहयोग: यह केंद्र भारत सरकार, जम्मू-कश्मीर सरकार, जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय और स्विस नेशनल साइंस फाउंडेशन के बीच सहयोग का परिणाम है।
  • वैश्विक महत्व: केंद्र विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के ग्लोबल एटमॉस्फेरिक वॉच (GAW) कार्यक्रम से संबद्ध एक दीर्घकालिक अनुसंधान केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
  • क्षमता निर्माण: केंद्र युवा वैज्ञानिकों के प्रशिक्षण, भारत में जलवायु मॉडलिंग क्षमताओं के विकास और वायुमंडलीय विज्ञान में छात्रों और पेशेवरों के लिए प्रशिक्षण स्कूल प्रदान करने में योगदान देगा।

सामयिक सामान्य ज्ञान

 CAG की नियुक्ति भारत के संविधान के किस अनुच्छेद के तहत होती है? -- अनुच्छेद 148
 हाल ही में चर्चा में रहे, ‘9K33 Osa-AK प्रणाली’ किस प्रकार की मिसाइल प्रणाली है? -- अल्प दूरी की सतह से वायु प्रणाली
 हाल ही में चर्चा में रहे, ‘वाइब कोडिंग’ का प्रमुख खतरा किससे संबंधित है? -- एआई द्वारा असुरक्षित कोड निर्माण
 हाल ही में चीन द्वारा लॉन्च की गयारेडियो टेलीस्कोप जो मिल्की वे (Milky Way) पर अनुसंधान करेगा, का नाम क्या है? -- थ्री गॉर्जेज अंटार्कटिक आई
 हाल ही में किस फिलीपीनी ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ? -- माउंट कनलाउन
 CAPTCHA का पूरा नाम क्या है? -- कम्प्लीटली ऑटोमेटेड पब्लिक ट्यूरिंग टेस्ट (Completely Automated Public Turing test)

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