क्रॉनिकल दर्शनशास्त्र IAS मुख्य परीक्षा 17 वर्ष (2008 से 2024) तक अध्यायवार हल प्रश्न पत्र
"UPSC IAS मुख्य परीक्षा के लिए क्रॉनिकल दर्शनशास्त्र (2008-2024) के अध्यायवार हल प्रश्नपत्र पढ़ें। सभी वर्षों के प्रश्नोत्तर स्पष्ट और परीक्षा-उपयोगी शैली में। दर्शनशास्त्र वैकल्पिक की प्रभावी तैयारी के लिए अनमोल संसाधन।"
दर्शनशास्त्र आईएस मुख्य परीक्षा अध्यायवार हल प्रश्न पत्र पुस्तक के विषय में:
प्रश्न : दर्शनशास्त्र पुस्तक किसके लिए उपयोगी है ?
उत्तर: यह पुस्तक संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के वैकल्पिक विषय के साथ-साथ राज्य लोक सेवा आयोगों की मुख्य परीक्षाओं तथा अन्य समकक्ष प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु भी समान रूप से उपयोगी है।
प्रश्न : दर्शनशास्त्र पुस्तक के उत्तर कैसे तैयार किये गए है ?
- पुस्तक में प्रश्नों के उत्तर को मॉडल हल के रूप में दिया गया है। प्रश्नों को हल करते समय इस बात का ध्यान रखा गया है कि उत्तर सारगर्भित हो तथा पूछे गए प्रश्नों के अनुरूप हों।
- पुस्तक में प्रश्नों के इतर भी विशिष्ट जानकारी को उत्तर में समाहित किया गया है, ताकि अभ्यर्थी इसका उपयोग न सिर्फ हल प्रश्न पत्र के रूप में, बल्कि अध्ययन सामग्री के रूप में भी कर सकें।
प्रश्न : दर्शनशास्त्र पुस्तक उत्तर लेखन शैली में सुधार लाने के लिए किस प्रकार से उपयोगी है ?
- इस पुस्तक का उपयोग अभ्यर्थी अपने उत्तर लेखन शैली में सुधार लाने तथा प्रश्नों की प्रवृत्ति व प्रकृति को समझने के लिये कर सकते हैं।
- किसी भी परीक्षा के विगत वर्षों के प्रश्न इसमें सबसे लाभदायक होते हैं। पुस्तक में प्रश्नों के उत्तर उसके सम्बंधित वर्ष के अनुसार ही दिया गया है।
- पुस्तक में दी गई सामग्री का इस्तेमाल बिंदुवार, निश्चित शब्द सीमा का पालन, उप-शीर्षक एवं आरेख आदि का प्रयोग अभ्यर्थी अपने उत्तर लेखन शैली के अभ्यास हेतु आधुनिक परिपेक्ष में कर सकते हैं।
प्रश्न : सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में दर्शनशास्त्र-एक वैकल्पिक विषय के रूप में किस प्रकार से उपयोगी है
- दर्शनशास्त्र, हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों के लिए काफी लोकप्रिय वैकल्पिक विषय रहा है। वैसे छात्र जिन्हें दर्शन में साहित्यिक-सामाजिक समस्याओं के गहन अनुशीलन, चिंतन एवं समाधान खोजने में रुचि है तथा जिनकी भाषा पर अच्छी पकड़ है, व जिनके पास तार्किक योग्यता है, वे इस विषय का चयन कर सकते हैं।
- संघ लोक सेवा आयोग के नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार दर्शनशास्त्र सामान्य अध्ययन के प्रश्न-पत्र 4 के लिए उपयोगी है। साथ ही निबंध के प्रश्न पत्र के लिए इसकी प्रासंगिकता और उपयोगिता को देखते हुए इसका वैकल्पिक विषय के रूप में महत्त्व और भी बढ़ गया है।
- इस विषय का पाठ्यक्रम छोटा है और तकनीकी शब्द ज्यादा है जिसके लिए गहरी समझ होनी आवश्यक है ताकि एक संकल्पना को दूसरी से जोड़ा जा सके।
- यह विषय छात्रें को संघ लोक सेवा आयोग मुख्य परीक्षा के आलावा राज्य लोक सेवा आयोगों (उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश एवं झारखण्ड) के बदले हुए पाठ्यक्रम में आयोजित होने वाले सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के दर्शनशास्त्र के प्रश्न पत्र में उपयोगी साबित होगा।
प्रश्न : यह पुस्तक छात्रें को संघ लोक सेवा आयोग मुख्य परीक्षा के आलावा और किन –किन राज्यों के लिए उपयोगी है ?
यह पुस्तक छात्रें को संघ लोक सेवा आयोग मुख्य परीक्षा के आलावा राज्य लोक सेवा आयोगों (उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, एवं झारखण्ड) के बदले हुए पाठ्यक्रम में आयोजित होने वाले सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के लोक प्रशासन के प्रश्न पत्र में उपयोगी साबित होगा।
Specifications |
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Availability | In-Stock |
Language | Hindi |
Product Type | Print Edition |
Edition | 2025 |
Book Code | 320 |
Shipment | Free |
No. of Pages | 462 |