क्रॉनिकल 70 वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा निबंध संग्रह 2025
बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित एकीकृत संयुक्त प्रतियोगी (मुख्य) परीक्षा 2024 के निबंध प्रश्न पत्र की तैयारी करने वाले प्रतियोगी अभ्यर्थियों के लिए तैयार की गई है, जिसमें नवीनतम परीक्षा पैटर्न को आधार बनाया गया है
बीपीएससी मुख्य परीक्षा निबंध संग्रह
- इसमें बीपीएससी के निबंध प्रश्न पत्र में पूछे जाने वाले “बिहार की लोक कहावतों एवं लोकोक्तियों पर आधारित महत्वपूर्ण निबंधों" को भी शामिल किया गया है |
- पुस्तक में 68वीं और 69वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा में पूछे गए निबंधों को भी समाहित किया गया है, जो इस प्रश्न-पत्र की तैयारी में अभ्यर्थियों को बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकते हैं
अनुक्रमणिका: बीपीएससी द्वारा पूछे जाने वाली सभी विषय वस्तुओं पर आधारित वर्गीकरण
बिहार की लोक कहावतों पर आधारित निबंध
- अनेर धुनेर के राम रखवार
- आगु नाथ नै पाछू पगहा, बिना छान के कूदे गधा
- बिन समाज के बोली हो सकेला का, बिन बोली ( भाषा) समाज हो सकेला) का
- धोबियक कुकुर ने घर के ने घाट के
- धर्म के बिना विज्ञान नांगर छै, विज्ञान के बिना. धर्म आन्हर छै
- पानी में मछरिया, नौ-नौ कुटिया बखरा
- अगिला खेती आगे-आगे, पछिला खेती भागे जागे
- मूस मोटइहें, लोढ़ा होइहें, ना हाथी, ना घोड़ा- होइ
- गोदी में लड़िका, भर गाँव हिंढोरा.
- अन्हा गांव में कन्हा. राजा
- अनकर धान पाबी त. अस्सी मौन तौलाबि
- चलय नय आबय त. अंगना टेड़.
- चालनि दूसलैन सूप के जिनका सहस्र टय छेद
- बानर का हाथे नारियर
- भुसकौल विद्यार्थी के गत्ता मोट
- हरबरी बिवाह, कनपट्टी. सेनुर.
- ककरो बोरे बोरे नून, ककरो रोटियो पर आफत
- अपना घरे बिलइओ बाघ
- पैसा नय कौड़ी आ बीच बजार में दौड़ा-दौड़ी
- हर बहय से खर खाय, बकरी खाय अचार
- जहाँ गाछ ना बिरिछ उहाँ रेंड पुरधान
- अन्डरा का आगा रोअल आपन दीदा खोअल
- मूर्खक लाठी, बिच्चे कपार
- राजा दुःखी प्रजा दुःखी, जोगी के दुःख दूना
- बहिरा नाचे अपने ताले
- सब धान बाइसे पसेरी
- चोर न सहे अँजोर
- हम चराबी दिल्ली दिल्ली, आ हमरा चरवय घरक बिल्ली
- चिरई के जान जाय, लईका के खिलौना
- सरलौ भुन्ना त रहू. के. दुन्ना..
भारतीय समाज, संस्कृति एवं मूल्या पर आधारित निबंध
- आध्यात्मिक उन्नति तथा शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए योग की आवश्यकता और- महत्व
- साहित्य ज्ञान का केवल एक स्रोत ही नहीं है, साथ ही यह नैतिक और सामाजिक क्रिया का भी एक. रूप है।
- भारतीय संस्कृति ने वैश्विक विचार और प्रथाओं को किस प्रकार प्रभावित किया है?
- भारतीय समाज को आकार देने में भारतीय सिनेमा. की भूमिका...
- भारतीय दर्शन: सत्य एवं आत्मज्ञान की खोज...38 क्या हम सभ्यता के पतन की राह पर हैं?
- आधुनिक जटिल समाज न्याय के विभेदीकृत. सिद्धांतों की मांग करता है.
- क्या समाज में व्याप्त असहिष्णुता मॉब लिंचिंग का कारण है
सामाजिक न्याय पर आधारित निबंध
- भारत में दहेज प्रथा विरोधी कानून और उनकी – प्रभावशीलता
- क्या प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994. कन्या भ्रूण हत्या से निपटने में प्रभावी है ?
- भारत में बाल विवाह की व्यापक समस्या
- घरेलू हिंसा: एक बड़ी सामाजिक चुनौती
- भारत में वचितों के लिए सार्वभौमिक न्यूनतम-आय
- बच्चों के प्रति बढ़ती हिंसा: समाज की गिरती नैतिकता का प्रतिबिंब
महिला सशक्तीकरण पर आधारित निबंध
- महिला सशक्तीकरण की वर्तमान स्थिति: राजनैतिक सशक्तीकरण के परिप्रेक्ष्य में
- भारत में महिला उद्यमिता: एक उभरती हुई प्रवृत्ति
- सार्वजनिक नीति निर्माण में महिलाओं की भागीदारी की आवश्यकता
- स्त्री पैदा नहीं होती, बल्कि बना दी जाती हैं
- समाज में लैंगिक रूढ़िबद्धता की समस्या एवं मीडिया की भूमिका
- केवल सशक्तीकरण से महिलाओं की समस्याएं. हल नहीं की जा सकतीं
- स्त्री-पुरुष संबंध: परिवर्तनशील नैतिक मानदंड
ग्रामीण विकास पर आधारित निबंध
- कृषि व्यवस्था में सुधार कर देश के ग्रामीण अर्थतंत्र को सशक्त बना सकते हैं
- ग्रामीण भारत में किसान ऋण का संकट
- ग्रामीण बिहार के रूपांतरण में सात निश्चय योजना, की भूमिका एवं सामाजिक-आर्थिक प्रभाव...82
- कौशल विकास के माध्यम से ग्रामीण भारत का. रूपांतरण
- ग्रामीण रूपांतरण की चुनौतियां व अवसर
शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर आधारित निबंध
- नई शिक्षा नीति के फायदे और नुकसान.
- कोविड के बाद बदलाव मांगती शिक्षा
- शिक्षा में निजीकरण का प्रभाव: लाभ और कमियां.
- क्या आयुष्मान भारत पहल भारत में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के लिए पर्याप्त है ?
- भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य: वित्तपोषण एवं. वहनीयता संबंधी चुनौतियां
- युवाओं को सशक्त बनाने और बेरोजगारी को कम. करने में व्यावसायिक शिक्षा की भूमिका
- स्वास्थ्य एवं शिक्षा में निवेश के माध्यम से. जनसांख्यिकीय लाभांश का उपयोग
- शिक्षा का सही उद्देश्य तथ्यों का नहीं बल्कि मूल्यों का ज्ञान होना है,
आर्थिक विकास पर आधारित निबंध
- काले धन की अर्थव्यवस्था अपराध और भ्रष्टाचार का प्रमुख कारण है.
- कौशल अंतर आर्थिक विकास में बाधा भूमिका
- उद्यमिता को बढ़ावा देने में माइक्रोफाइनेंस की.
- क्या गिग इकॉनमी रोजगार का एक धारणीय- मॉडल है ?
- शहरी मध्य वर्ग, भारत के रूपांतरण की- कुंजी है
- आर्थिक शक्ति समकालीन विश्व में किसी भी राष्ट्र की शक्ति की आधारशिला है
- भारतीय अर्थव्यवस्था चौथी औद्योगिक क्रांति के. लिए कितनी तैयार है?
- खाद्य अपव्यय भारत के खाद्य सुरक्षा संबंधी. प्रयासों में बाधक
- सामाजिक पूंजी, शासन और प्रकृति में निवेश भारत 5 के दीर्घकालिक विकास की कुंजी है।
लोकतंत्र एवं शासन पर आधारित निबंध
- क्या भ्रष्टाचार एक पीड़ितविहीन अपराध है?
- भारतीय चुनावी राजनीति को आकार देने में. जाति आधारित वोट बैंकों की भूमिका
- सार्वजनिक विश्वास के निर्माण में राजनीतिक नेतृत्व की भूमिका
- संविधान की पवित्रता अनिवार्य रूप से. धर्मनिरपेक्षता की पुष्टि में निहित है
- राजनीति का अपराधीकरण: भारतीय लोकतंत्र के. समक्ष एक गंभीर संकट
- भारत में क्षेत्रीय असमानता दूर करने में राजकोषीय संघवाद कितना प्रभावी?
- जागरूक मतदाता लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ. 103
मीडिया एवं समाज पर आधारित निबंध
- इंटरनेट ने हमारे संसार को विश्वगाँव में बदल दिया है।
- क्या डिजिटल युग में पारंपरिक मीडिया अपनी प्रासंगिकता खो रहा है?
- सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का उदयः उद्यमिता का एक नया युग ?
- डिजिटल युग में साइबरबुलिंग: सोशल मीडिया की - भूमिका
- ओटीटी प्लेटफॉर्म: विनियमन बनाम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
- गलत सूचनाओं के प्रसार से जन्म लेता सूचना का संकट
- क्या वर्तमान दौर में इंटरनेट की सेंसरशिप आवश्यक है ?
- मीडिया, प्राकृतिक या कृत्रिम जनमत का माध्यम है|
राष्ट्रीय सुरक्षा पर आधारित निबंध
- भारत में आतंकवाद और उग्रवाद को बढ़ावा देने में गैर-राज्य तत्वों की भूमिका
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत का बढ़ता प्रभाव :- आर्थिक, कूटनीतिक और सैन्य आयाम
- व्यक्तिगत स्वतंत्रता बनाम राष्ट्रीय सुरक्षा
- आतंक एवं हिंसक अतिवाद के दौर में भारत की सुरक्षा
वैश्वीकरण पर आधारित निबंध
- वैश्वीकरण के युग में हम भारतीय सांस्कृतिक विरासत को कैसे संरक्षित कर सकते हैं?
- वैश्विक चुनौतियां वैश्विक समाधानों की मांग करती है
- वैश्विक शरणार्थी संकट: समस्या एवं समाधान
- वैश्वीकरण के युग में बच्चों का मानसिक- स्वास्थ्य
प्रौद्योगिकी विकास पर आधारित निबंध
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने में सहायक हैं|
- आधुनिक संचार क्रांति ने मानव के संचार के. साधनों और टेक्नोलॉजी के प्रति जागरूकता में. क्रांतिकारी रूप से वृद्धि की है
- स्वचालन, रोजगार के लिए खतरा है. या- अवसर ?
- भविष्य उनका है, जिनके पास डेटा है
अधिकार एवं कर्तव्य पर आधारित निबंध
- धार्मिक स्वतंत्रता बनाम सार्वजनिक व्यवस्थाः एकसंवैधानिक परिप्रेक्ष्य
- मौलिक अधिकारों की रक्षा में जनहित याचिकाओं. की भूमिका
- बेघर व्यक्तियों के अधिकार कानूनी सुरक्षा और सामाजिक उत्तरदायित्व
- वैश्वीकृत विश्व में शरणार्थियों और प्रवासियों के. अधिकार
- क्या 21 वीं सदी के नेटिजेंस के लिए गोपनीयता एक. भ्रम है?
- कर्तव्यों का अच्छी तरह से निर्वहन तदनुरूप अधिकारों का निर्माण करता है
- नागरिकों की व्यक्तिगत पसंद निजता के अधिकार. के अंतर्गत संरक्षित है
जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण पर आधारित निबंध
- भारतीय कृषि पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव तथा- बचाव के उपाय
- रोजगार पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
- क्या जलवायु परिवर्तन अनुकूलन एक दीर्घकालिक समाधान है या एक अल्पकालिक आवश्यकता ?
- पर्यावरणीय चिंताओं ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति की दिशा बदल दी है
सतत विकास एवं नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित निबंध
- जलवायु परिवर्तन के खिलाफ भारत की लड़ाई में. सौर ऊर्जा की भूमिका
- 2070 तक भारत का शुद्ध शून्य लक्ष्य: चुनौतियां- और अवसर
- खतरे में धरती नहीं, हम हैं
- हम भावी पीढ़ियों को एक स्वस्थ और टिकाऊ ग्रह के अधिकार से वंचित नहीं कर सकते.
- नवीकरणीय ऊर्जा भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं का विकल्प
- सतत विकास का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के जरिये ही प्राप्त किया जा सकता है
नैतिक एवं दार्शनिक निबंध
- जंगल अपने पेड़ स्वयं तैयार करता है। यह लोगों के जंगल में आकर बीज फेंकने का इंतजार नहीं- करता है।
- अपने अनिवार्य कर्तव्य का पालन करें. क्योंकि कर्म, निष्क्रियता से अवश्य ही उत्तम है।
- उत्कृष्ट कला हमारे अनुभव को प्रकाशित करती है. या सत्य को उद्घाटित करती है।
- हम इतिहास - निर्माता नहीं है, बल्कि हम- इतिहास द्वारा निर्मित हैं।
- विचार जीवन का आधार है।
- जीवन, स्वयं को अर्थपूर्ण बनाने का - अवसर है
- क्या अधिक मूल्यवान है, बुद्धिमत्ता. या चेतना ?
- विकास जैसी गतिशील प्रक्रिया में मानवाधिकार, मूल्यवान मार्गदर्शक हैं
- सद्भावना ही एकमात्र ऐसी संपत्ति है जिसे- प्रतिस्पर्धा कम या नष्ट नहीं कर सकती
- अंतर्निहित प्रवृत्ति की कमजोरी चरित्र की कमजोरी बन जाती है.
- समझने का सुख सबसे उत्कृष्ट आनंद है
- उच्च उपलब्धि सदैव उच्च अपेक्षा के ढांचे के अंतर्गत प्राप्त होती है
- मौन सबसे सशक्त भाषण है, धीरे-धीरे दुनिया- आपको सुनेगी
- विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए, जब विश्वास अंधा हो जाता है. तो मर जाता है
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Specifications |
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Availability | In-Stock |
Language | Hindi |
Product Type | Print Edition |
Edition | 2025 |
Book Code | 464 |
Shipment | Free |
No. of Pages | 192 |
Ratings & Reviews