क्लाइमेट फाइनेंस टैक्सोनॉमी महत्व, चुनौतियां एवं पहलें
23 जुलाई, 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024 को प्रस्तुत करते हुए, जलवायु वित्त वर्गीकरण (Climate Finance Taxonomy) विकसित करने की घोषणा की है। इसके माध्यम से जलवायु अनुकूलन और शमन (Adaptation and Mitigation) के लिए पूंजी की उपलब्धता को बढ़ाया जा सकेगा।
- जलवायु वित्त वर्गीकरण, मानकीकृत विनियमों और दिशानिर्देशों के एक सेट को संदर्भित करता है। यहअर्थव्यवस्था के कुछ हिस्सों को संधारणीय निवेश के रूप में विपणन करने से संबंधित एक प्रणाली भी मानी गई है।
- इस टैक्सोनॉमी के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण और जलवायु संकट से निपटने के लिए निवेश को उपलब्ध कराया जा सकेगा। ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 अंतरराष्ट्रीय मंचों से अमेरिका का अलग होना: प्रभाव और निहितार्थ
- 2 कृत्रिम बुद्धिमत्ता, भारत में न्याय वितरण में किस प्रकार क्रांति ला सकती है?
- 3 भारत-श्रीलंका मत्स्य विवाद: कारण प्रभाव एवं संभावित समाधान
- 4 भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भरता हेतु नवाचार एवं लागत-प्रभावशीलता आवश्यक
- 5 ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में गिरावट जलवायु अनुकूलता की दिशा में भारत की प्रगति
- 6 क्रिटिकल मिनरल्स भारत के आर्थिक विकास और सुरक्षा का आधार
- 7 भारत का डिजिटल हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर लोचशील वैश्विक डिजिटल स्वास्थ्य पारितंत्र के निर्माण में भारत की क्षमता
- 8 भारत-इंडोनेशिया संबंध द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्धता
- 9 प्रवासी भारतीय विकसित भारत के निर्माण में योगदान
- 10 क्वांटम प्रौद्योगिकी भारत की प्रगति, लाभ एवं चुनौतियां