शहरी सहकारी बैंकः महत्व और चुनौतियां
शहरी सहकारी बैंक (UCB) वित्तीय संस्थान हैं, जो भारत में शहरी और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में संचालित होते हैं। UCB सहकारी समिति अधिनियम के तहत पंजीकृत होते हैं तथा अपने सदस्यों के स्वामित्व और संचालन वाली सहकारी संस्थाओं के रूप में कार्य करते हैं।
- मुख्य रूप से छोटे उद्यमियों, व्यवसायों, उद्योगों और शहरी क्षेत्रों में स्वरोजगार के साथ-साथ घर की खरीद तथा शैक्षिक ऋण को वित्तपोषित करते हैं।
- ये संबंधित राज्यों के सहकारी समिति अधिनियम के साथ-साथ 1949 के बैंकिंग विनियमन अधिनियम द्वारा पंजीकृत और शासित होती हैं। इस प्रकार दोहरे नियामक नियंत्रण के अधीन हैं।
- UCB's आरबीआई अधिनियम, 1934 (दूसरी अनुसूची) के अंतर्गत ....
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मुख्य विशेष
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- 6 भारत में कपास की कृषि: चुनौतियां एवं अवसर
- 7 भारत में खाद्य भण्डारण की चुनौतियां
- 8 भारत में तम्बाकू की कृषि
- 9 भारत में व्यापक स्तर पर दवा का निर्माण
- 10 भारत में नवाचार: चुनौतियां एवं अवसर
- 11 भारत में बीमा क्षेत्रः चुनौतियां एवं अवसर
- 12 भारतीय जहाजरानी उद्योग
- 13 भारतीय डिस्कॉमः चुनौतियां और सुझाव
- 14 महत्वपूर्ण खनिज: भारत के लिए महत्व एवं चुनौतियां
- 15 वि-वैश्वीकरण और भारतः कारक और प्रभाव