भारत और यूरोपीय संघ संबंध : वर्तमान स्थिति और मुद्दे
यूरोप तथा भारत के बीच संबंधों की शुरूआत 1962 में हुई, जब भारत ने यूरोपीय संघ से कुटनीतिक संबंध स्थापित किए। उस समय इसे यूरोपीय आर्थिक समुदाय के रूप मे जाना जाता था।
- भारत, यूरोपीय आर्थिक समुदाय (European Economic Community) के साथ राजनयिक संबंध विस्थापित (Diplomatic relations) करने वाला प्रथम देश रहा है। यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है।
- वर्ष 2021 में भारत ने यूरोपीय संघ को जलवायु परिवर्तन, कनेक्टिविटी और सैन्य से सैन्य संवाद जैसे विभिन्न रणनीतिक क्षेत्रों में विश्वसनीय भागीदार के रूप में मान्यता दी।
- 2020 के अनुसार यूरोपीय संघ, चीन (12%) एवं अमेरिका (11.7%) के बाद ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 प्रवासी भारतीयों का सामाजिक तथा आर्थिक योगदान
- 2 वैश्विक भू-राजनीतिक परिवर्तन एवं भारत
- 3 भारत-बांग्लादेश संबंध
- 4 भारत-चीन सीमा विवाद
- 5 हिन्द-प्रशांत में भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी
- 6 भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता
- 7 ब्रिक्स समूह: प्रासंगिकता एवं भविष्य
- 8 ब्रिक्स : वैश्विक शांति और समृद्धि के निर्माण में भूमिका
- 9 परमाणु निरस्त्रीकरण : चुनौती तथा भारत की भूमिका
- 10 वैश्विक शासन का लोकतंत्रीकरण : महत्व और चुनौतियां