जीन-संपादित सरसों

हाल ही में, भारतीय वैज्ञानिकों ने पहली बार कम तीखी गंध वाली सरसों (Low-Pungent Mustard) विकसित की है, जो कीटरोधी (Insect Repellent) होने के साथ रोग प्रतिरोधी भी है।

  • यह गैर-आनुवंशिक रूप से संशोधित (Non-Genetically Modified) और ट्रांसजीन-मुक्त (Transgene-Free) होने के साथ-साथ CRISPR/Cas9 जीन एडिटिंग पर आधारित है।
  • विदित हो कि भारतीय सरसों के बीज में ग्लूकोसाइनोलेट्स (Glucosinolates) का स्तर काफी अधिक ¹लगभग 120-130 भाग प्रति मिलियन (ppm)] होता है, जो सल्फर और नाइट्रोजन युक्त यौगिकों का एक समूह है।
  • यह सरसों तेल और भोजन में गंध को तीखा कर देता है। इस वजह से कई उपभोक्ता ऐसे तेल का सेवन करने ....
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