सिंधु घाटी सभ्यता की खोज के 100 वर्ष
20 सितंबर, 2024 को सिंधु घाटी सभ्यता की खोज के 100 वर्ष पूरे हुए। 20 सितंबर 1924 को दिवंगत पुरातत्वविद् सर जॉन मार्शल ने सिंधु घाटी सभ्यता की खोज की घोषणा की थी, जिसने भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास को नया रूप दिया।
- सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) प्राचीन विश्व की सबसे उन्नत और समृद्ध सभ्यताओं में से एक थी। यह सभ्यता वर्तमान पाकिस्तान, उत्तर-पश्चिम भारत और पूर्वी अफगानिस्तान के क्षेत्रों में फैली हुई थी।
- सिंधु घाटी सभ्यता अपनी उन्नत नगर योजना के लिए जानी जाती थी। इसमें बड़े-बड़े नगरों का निर्माण किया गया था, जिनमें हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, लोथल, कालीबंगा, और धोलावीरा ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 आन्ध्र प्रदेश में ब्राह्मी अभिलेख के साक्ष्य
- 2 16वीं शताब्दी के ताम्रपत्र अभिलेख की खोज
- 3 लोथल में NMHC के विकास को मंजूरी
- 4 ओरछा को यूनेस्को कि विश्व धरोहर सूचि में शामिल करने हेतु डोजियर
- 5 कैबिनेट ने 5 नई शास्त्रीय भाषाओं को मंजूरी दी
- 6 प्रथम ‘अंतरराष्ट्रीय भारतीय नृत्य महोत्सव’ का आयोजन
- 7 महात्मा गांधी की 155वीं जयंती
- 8 जर्मनी में सांची के स्तूप के पूर्वी द्वार की प्रतिकृति
- 9 कर्मा उत्सव
- 10 जिंजी किला, यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल के लिए नामित