​राजस्थान की वास्तुकला

दुर्ग वास्तु कला

  • राजस्थान में दुर्गों के स्थापत्य के विकास का प्रथम उदाहरण कालीबंगा की खुदाई में मिलता है।
  • कालान्तर में मौर्य, गुप्त तथा परवर्ती युग में दुर्गों के निर्माण के निश्चित आधार दिखाई पड़ते हैं।
  • इस समय दुर्ग निर्माण में मंदिरों तथा जलाशयों को प्रधानता दी जाने लगी।
  • राजपूत काल में राजस्थान में बने दुर्गों में भाटियों का सोनागढ़, अजयराज चौहान का गढ़बीठली तारागढ़ (अजमेर), कुंभा का माण्डलगढ़ आदि उल्लेखनीय हैं।
  • दिल्ली में तुर्क-अफगान की स्थापना होने पर राजस्थान के दुर्ग स्थापत्य पर प्रभाव पड़ा।
  • प्राचीन दुर्गों की प्रमुख विशेषताएं राजस्थान के दुर्गों में भी थीं, जो निम्नलिखित हैं-
    • सुदृढ़ प्राचीर,
    • अभेद्य बुर्जें,
    • किले ....

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