भारत की वित्तीय विकास गाथा में महिलाओं की भूमिका

3 मार्च, 2025 को नीति आयोग द्वारा “उधारकर्ताओं से निर्माता तक: भारत की वित्तीय विकास गाथा में महिलाओं की भूमिका" (From Borrowers to Builders: Women’s Role in India’s Financial Growth Story) नामक रिपोर्ट जारी की गई।

  • यह रिपोर्ट ट्रांसयूनियन CIBIL, नीति आयोग के महिला उद्यमिता मंच (WEP) और माइक्रोसेव कंसल्टिंग (MSC) द्वारा प्रकाशित की गई है।
  • इस रिपोर्ट में भारत की वित्तीय प्रणाली में महिलाओं की भागीदारी और उनके सामने आने वाली चुनौतियों का विश्लेषण किया गया है।

महत्वपूर्ण निष्कर्ष

  • 2019-2024 के बीच महिला उधारकर्ताओं की संख्या तीन गुना बढ़ी, जो महिलाओं में वित्तीय स्वतंत्रता और ऋण की बढ़ती मांग को दर्शाता ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री