MIRV तकनीक से युक्त अग्नि-V

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने हाल ही में मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) प्रौधोगिकी से लैस स्वदेश में विकसित अग्नि-5 (Agni-V) मिसाइल का प्रथम सफल उड़ान परीक्षण किया।

  • ‘मिशन दिव्यास्त्र’ नामक यह उड़ान परीक्षण ओडिशा के डॉ- एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया। इस मिशन ने निर्दिष्ट मानकों को सफलतापूर्वक पूरा किया।

एमआईआरवी तकनीक

  • इस प्रौधोगिकी को 1960 के दशक में विकसित किया गया था और पहली बार 1970 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ द्वारा मिसाइल सिस्टम में एकीकृत किया गया।
  • मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल तकनीक वह क्षमता है, जिसके माध्यम ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री