असंगठित क्षेत्र में अदृश्य कार्यबल के रूप में महिलाएं - आलोक सिंह

भारत के असंगठित क्षेत्र में महिलाएं एक विशाल किन्तु अदृश्य कार्यबल के रूप में हैं, जो लिंग आधारित चुनौतियों, रोजगार असुरक्षा और सामाजिक लाभों तक सीमित पहुंच का सामना करती हैं। असंगठित क्षेत्र में महिलाओं का श्रम अक्सर अदृश्य और अवमान्य रहता है। अतः असंगठित क्षेत्र की महिलाओं को ध्यानकेंद्रित करते हुए आवश्यक नीतिगत पहलों की आवश्यकता है, ताकि महिलाएं सम्मानजनक रोजगार और समुचित अवसरों के साथ देश के विकास में पूर्ण रूप से भागीदार बन सकें।

हाल ही में, जारी की गई नवीनतम आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं ....

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