सेवा क्षेत्र
- सकल मूल्य वर्धन-जीवीए में सेवा क्षेत्र का योगदान वित्त वर्ष 2014 के 50.6 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में (प्रथम अग्रिम अनुमानों) में 55.3 प्रतिशत पहुंच गया है।
- सेवा क्षेत्र में औसत विकास दर महामारी पूर्व वर्षों (वित्त वर्ष 2013 से 2020) तक 8 प्रतिशत रहा। महामारी उपरांत अवधि (वित्त वर्ष 2023 से वित्त वर्ष 2025) में यह 8.3 प्रतिशत है।
- वर्ष 2023 में वैश्विक सेवा निर्यात में भारत 4.3 प्रतिशत साझेदारी के साथ विश्व में सातवें स्थान पर रहा।
- भारत के सेवा निर्यात में विकास वित्त वर्ष 2024 के 5.7 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 के (अप्रैल-नवम्बर) में 12.8 प्रतिशत ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 एआई के युग में श्रम की स्थिति
- 2 रोजगार और कौशल विकास
- 3 सामाजिक क्षेत्र
- 4 जलवायु और पर्यावरण: अनुकूलन की अनिवार्यता
- 5 कृषि और खाद्य प्रबंधन
- 6 उद्योग एवं व्यापार सुधार
- 7 निवेश और अवसंरचना
- 8 मध्य अवधि दृष्टिः विनियमन में कमी से विकास को गति
- 9 मूल्य और मुद्रा स्फीति
- 10 बाह्य क्षेत्र : एफडीआई में सुधार

- 1 अर्थव्यवस्था की स्थिति
- 2 मौद्रिक और वित्तीय क्षेत्र
- 3 बाह्य क्षेत्र : एफडीआई में सुधार
- 4 मूल्य और मुद्रा स्फीति
- 5 मध्य अवधि दृष्टिः विनियमन में कमी से विकास को गति
- 6 निवेश और अवसंरचना
- 7 उद्योग एवं व्यापार सुधार
- 8 कृषि और खाद्य प्रबंधन
- 9 जलवायु और पर्यावरण: अनुकूलन की अनिवार्यता
- 10 सामाजिक क्षेत्र
- 11 रोजगार और कौशल विकास
- 12 एआई के युग में श्रम की स्थिति