प्रवासी भारतीय विकसित भारत के निर्माण में योगदान
10 जनवरी, 2025 के मध्य ओडिशा सरकार की साझेदारी में भुवनेश्वर में '18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन' (8th Pravasi Bharatiya Divas Convention) का आयोजन किया गया। 18 वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन पूर्वी भारत में आयोजित पहला प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन था। यह पहल भारत सरकार के ‘पूर्वोदय’ पर केंद्रित दृष्टिकोण के अनुरूप है। प्रवासी भारतीय, अपनी प्रतिभा, संसाधनों और अनुभव के माध्यम से विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उनका समर्पण और योगदान आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक सिद्ध हो रहा है। इस प्रकार, विकसित भारत की कल्पना में प्रवासी भारतीयों ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 अंतरराष्ट्रीय मंचों से अमेरिका का अलग होना: प्रभाव और निहितार्थ
- 2 कृत्रिम बुद्धिमत्ता, भारत में न्याय वितरण में किस प्रकार क्रांति ला सकती है?
- 3 भारत-श्रीलंका मत्स्य विवाद: कारण प्रभाव एवं संभावित समाधान
- 4 भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भरता हेतु नवाचार एवं लागत-प्रभावशीलता आवश्यक
- 5 ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में गिरावट जलवायु अनुकूलता की दिशा में भारत की प्रगति
- 6 क्रिटिकल मिनरल्स भारत के आर्थिक विकास और सुरक्षा का आधार
- 7 भारत का डिजिटल हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर लोचशील वैश्विक डिजिटल स्वास्थ्य पारितंत्र के निर्माण में भारत की क्षमता
- 8 भारत-इंडोनेशिया संबंध द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्धता
- 9 क्वांटम प्रौद्योगिकी भारत की प्रगति, लाभ एवं चुनौतियां
- 10 भारत में ई-अपशिष्ट उत्पादन कारण, प्रभाव एवं चुनौतियां
करेंट अफेयर्स के चर्चित मुद्दे
- 1 भारत-इंडोनेशिया संबंध द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्धता
- 2 भारत का डिजिटल हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर लोचशील वैश्विक डिजिटल स्वास्थ्य पारितंत्र के निर्माण में भारत की क्षमता
- 3 क्रिटिकल मिनरल्स भारत के आर्थिक विकास और सुरक्षा का आधार
- 4 ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में गिरावट जलवायु अनुकूलता की दिशा में भारत की प्रगति