पैन्सपर्मिया

  • पैन्सपर्मिया शब्द का उपयोग सबसे पहले ग्रीक दार्शनिक एनाक्सागोरस द्वारा किया गया था।
  • पैन्सपर्मिया से तात्पर्य उस अवधारणा से है जिसके अनुसार पूरे ब्रह्माण्ड में जीवन के अस्तित्व का विस्तार है।
  • इसके अनुसार जीवन में ग्रहों के बीच ‘बीज (seeds)’ के रूप में यात्र करने की क्षमता है तथा जीवन की उत्पत्ति पृथ्वी पर नहीं हुई थी बल्कि ब्रह्मांडीय प्रक्रियाओं द्वारा इसे यहां लाया गया था।
  • पैन्सपर्मिया सिद्धांत के संबंध में सहस्राब्दियों से बहस चली आ रही है लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस निष्कर्ष नही निकाला गया ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री