आर्द्रभूमियों का संरक्षण : मानव एवं पारिस्थितिक तंत्र हेतु महत्वपूर्ण
हाल ही में, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, भारत की 5 नई आर्द्रभूमियों को अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमियों या रामसर साइट (Ramsar site) के रूप में मान्यता दी गई है। इसके साथ ही देश में रामसर साइट की संख्या बढ़कर 80 हो गई है।
- पांच नए शामिल किए गए रामसर स्थलों में कर्नाटक की तीन तथा तमिलनाडु की दो आर्द्रभूमियां शामिल है। कर्नाटक से अंकसमुद्र पक्षी संरक्षण रिजर्व (Ankasamudra Bird Conservation Reserve), अघनाशिनी मुहाना (Aghanashini Estuary), और मगदी केरे संरक्षण रिजर्व (Magadi Kere Conservation Reserve) को शामिल किया गया हैं। वहीं ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 क्वांटम प्रौद्योगिकी भारत की प्रगति, लाभ एवं चुनौतियां
- 2 भारत में ई-अपशिष्ट उत्पादन कारण, प्रभाव एवं चुनौतियां
- 3 इंडियाएआई मिशन नैतिक एवं जिम्मेदार एआई संबंधी चुनौतियां एवं भारतीय प्रयास
- 4 समुद्री दूरसंचार केबलों की प्रतिरोधक क्षमता आवश्यकता एवं चुनौतियां
- 5 भारत-श्रीलंका संबंध हिंद महासागर क्षेत्र में द्विपक्षीय राजनीतिक सहयोग को बढ़ावा
- 6 जी20 शिखर सम्मेलन 2024 सहभागिता बढ़ाने हेतु समूह को अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण बनाने की आवश्यकता
- 7 बाल विवाह के खिलाफ संघर्ष समस्या के उन्मूलन हेतु शिक्षा एवं सामाजिक सशक्तीकरण आवश्यक
- 8 राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन कृषि के समग्र दृष्टिकोण एवं धारणीयता की ओर एक कदम
- 9 भारत-कनाडा संबंधों में गिरावट मतभेद के मुद्दे एवं भविष्य की राह
- 10 भारत में भूख एवं कुपोषण की स्थिति चुनौतियों से निपटने हेतु तत्काल प्रभावी हस्तक्षेप आवश्यक