आर्थिक सर्वेक्षण
आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23
31 जनवरी, 2023 को केंद्र सरकार के द्वारा संसद में ‘आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23’ (Economic Survey 2022-23) प्रस्तुत किया गया। भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी तथा रूस-युक्रेन युद्ध के विपरीत प्रभाव से उबर चुकी है तथा अर्थव्यवस्था के समस्त क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। |
देश में निजी उपभोग (Private Consumption) में वृद्धि कारण उत्पादन संबंधी गतिविधियों को काफी बढ़ावा मिला है। 2023-24 के दौरान भारत के जीडीपी में वृद्धि दर 6 से 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
- हाल के वर्षों में केन्द्र सरकार का पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) बढ़ा है। निजी संस्थानों की बैलेंस शीट (Balance Sheets) मजबूत हुई है तथा महामारी के पश्चात, निजी क्षेत्र द्वारा पूंजीगत व्यय बढ़ा है।
- जनवरी-नवम्बर 2022 के दौरान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र (MSME) के लिए प्रदान की गई ऋणों में वृद्धि औसतन 30.6 प्रतिशत से भी अधिक रही। नवम्बर 2022 में खुदरा महंगाई (Retail Inflation) घटकर आरबीआई के लक्षित दायरे (Target Range) में आ गई है जिसे लगभग 6 प्रतिशत निर्धारित की गई थी।
- कोविड-19 पश्चात देश के शहरी बेरोजगारी दर (Urban Unemployment Rate) में कमी दर्ज की गई है। देश में बेहतर रोजगार सृजन की प्रवृति देखी जा रही है। अप्रैल-नवम्बर 2022 के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह में भी वृद्धि दर्ज की गई।