ट्रांसजेंडरों की भिक्षावृत्ति पर प्रतिबंध
10 अप्रैल, 2024 को भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत जारी एक आदेश के माध्यम से, पुणे के पुलिस आयुक्त द्वारा ट्रांसजेंडर व्यक्तियों द्वारा ट्रैफिक सिग्नल, निजी आवास और अन्य सार्वजनिक स्थानों, अस्पतालों आदि में भीख मांगने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
- इसी तरह का प्रतिबंध नागपुर के पुलिस आयुक्त द्वारा वर्ष 2023 में भी लगाया गया था।
महत्वपूर्ण बिंदु
- प्रतिबंध की संवैधानिक वैधानिकता: यह प्रतिबंध विशेष रूप से ट्रांसजेंडर समुदाय को अनुच्छेद 14 के तहत प्राप्त समानता के अधिकार को सीमित करता है। अनुच्छेद 14 के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अलावा, ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 शिक्षा मंत्रालय की स्टार्स कार्यशाला
- 2 बच्चों एवं युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर मार्गदर्शन दस्तावेज
- 3 मातृ स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन में भारत की प्रगति को मान्यता
- 4 बाल विवाह निषेध अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु दिशानिर्देश
- 5 राष्ट्रीय पोषण माह का 7वां संस्करण
- 6 दिव्यांगों के लिए एक्सेसिबिलिटी स्टैंडर्ड्स मॉड्यूल लागू
- 7 LGBTQI+ समुदाय के लिए विभिन्न अंतरिम सरकारी उपाय
- 8 सहरिया जनजाति में कुपोषण
- 9 न्यू इंडिया साक्षरता कार्यक्रम के तहत 'साक्षरता' और 'पूर्ण साक्षरता'
- 10 भारत में महिलाएं एवं पुरुष 2023