सतत वन प्रबंधन : वनों के भविष्य को संरक्षित करने की कुंजी - महेंद्र चिलकोटी
भारत के पारिस्थितिक कल्याण, जैव विविधता संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन शमन प्रयासों के लिए सतत वन प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है। सतत वन प्रबंधन का विचार इस विश्वास पर आधारित है कि वन मूल्यवान एवं जटिल पारिस्थितिक तंत्र हैं, जिन्हें इस तरह से प्रबंधित किया जाना चाहिए कि उनके दीर्घकालिक स्वास्थ्य एवं कार्यप्रणाली तथा मनुष्य की वर्तमान एवं भावी पीढ़ियों हेतु लाभ सुनिश्चित हो सके। एक व्यापक और एकीकृत दृष्टिकोण अपनाकर, भारत अपने वनों के दीर्घकालिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित कर सकता है।
8-12 मई, 2023 के मध्य अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में 'यूनाइटेड नेशंस फोरम ऑन फॉरेस्ट्स' का 18वां सत्र (UNFF18) आयोजित ....
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