स्वतंत्रता पूर्व उत्तर प्रदेश में किसान आन्दोलनों के स्वरूप, प्रभाव एवं महत्व का वर्णन करें?

अंग्रेज 1857 के विद्रोह को दबाने में सफल रहे लेकिन देश के प्रथम स्वतंत्रता संघर्ष ने कई आन्दोलनों को जन्म दिया जिसमें उत्तर प्रदेश के किसान आन्दोलन प्रमुख है-

स्वरूपः उत्तर प्रदेश के किसानों ने अपनी मांगों के लिए महाजनों, जमींदारों एवं अंग्रेजों से सीधे लड़ना प्रारंभ किया।

  • अपनी परम्परागत जीवन शैली को सुरक्षित रखने की इच्छा ने किसान आन्दोलनों को मजबूत स्वरूप प्रदान किया।
  • नाई धोबी बन्द आन्दोलनों ने सामाजिक बहिष्कार के माध्यम से कृषक आन्दोलनों को सामाजिक स्वरूप प्रदान किया।
  • आन्दोलन का स्वरूप बदलाव हेतु नहीं वरन् यथा स्थिति बनाए रखने हेतु था।

प्रभावः अवध किसान सभा द्वारा संचालित आन्दोलन के परिणाम स्वरूप ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

मुख्य विशेष