चक्रीय अर्थव्यवस्था

चक्रीय अर्थव्यवस्था (Circular Economy), पारंपरिक रेखक अर्थव्यवस्था का एक विकल्प है, जिसके अंतर्गत उत्पादों के जीवन चक्र में तीन चरण शामिल किये जाते हैं; उन्हें बनाना, उपयोग करना और उनका निपटान करना।

  • चक्रीय अर्थव्यवस्था में, संसाधनों को यथासंभव लंबे समय तक उपयोग में रखा जाता है और उनसे अधिकतम मूल्य निकाला जाता है, तथा अंत में अपशिष्ट को प्राप्त करके उसका पुनर्चक्रण किया जाता है।
  • एक चक्रीय अर्थव्यवस्था में, निर्माता उत्पादों को इस प्रकार डिजाइन करते हैं ताकि ये पुनः प्रयोज्य हो सकें। ऐसी अर्थव्यवस्था में उत्पादों और कच्चे माल का भी यथासंभव उपयोग किया जाता है। इस प्रकार एक चक्रीय अर्थव्यवस्था ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री