बाल विवाह के खिलाफ संघर्ष समस्या के उन्मूलन हेतु शिक्षा एवं सामाजिक सशक्तीकरण आवश्यक
हाल ही में, 'बाल विवाह निषेध अधिनियम (PCMA), 2006' के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस मामले पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने विस्तार से चर्चा की है कि किस प्रकार बाल विवाह संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। इस निर्णय में शीर्ष अदालत ने 18 वर्ष पूर्व बाल विवाह निषेध अधिनियम के अधिनियमन के बावजूद भारत में बाल विवाह के खतरनाक स्तर को उजागर किया है। बाल विवाह के मुद्दे पर गंभीरता से विचार करते हुए हाल ही में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 'बाल विवाह मुक्त भारत' अभियान शुरू ....
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