बच्चों को गोद लेने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों का आह्नान
20 नवंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे अनाथ, परित्यक्त या आत्मसमर्पण करने वाले बच्चों की पहचान करने के लिए 7 दिसंबर, 2023 से प्रत्येक दो महीने में एक अभियान चलाएं, जिससे ऐसे बच्चे भारत में गोद लेने की प्रक्रिया में शामिल हो सकें।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘बाल देखभाल संस्थानों’ (CCI) में रहने वाले बच्चों, जिनके माता-पिता एक साल से अधिक समय से उनसे मिलने नहीं आए हैं या जिनके माता-पिता या अभिभावक ‘अयोग्य’ हैं, उनकी पहचान की जानी चाहिए और उन्हें गोद लेने वाले पूल में लाया ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 अनौपचारिक क्षेत्र में श्रमिकों का औपचारिकीकरण और सामाजिक सुरक्षा
- 2 अनुसूचित जनजाति की महिला प्रतिनिधियों की राष्ट्रपति से मुलाकात
- 3 पीएम जनमन योजना पर जिलाधिकारियों का सम्मेलन
- 4 तीसरा राष्ट्रीय बधिर-नेत्रहीन सम्मेलन
- 5 राष्ट्रीय जनजातीय स्वास्थ्य कॉन्क्लेव 2025
- 6 धर्मांतरण तथा सामाजिक परिवर्तन
- 7 जल जीवन मिशन तथा महिला सशक्तीकरण
- 8 'क्षेत्रीय सामाजिक सुरक्षा फ़ोरम' का आयोजन
- 9 सुगम्य भारत अभियान के 9 वर्ष
- 10 मैन्युअल स्कैवेंजिंग पर केंद्र से निगरानी पैनल बुलाने की अपील: सुप्रीम कोर्ट